जामिया इलाके में फायरिंग करने वाले गोपाल की जेवर में है पान की दुकान, जानिए और भी बहुत कुछ
नई दिल्ली- दिल्ली के जामिया इलाके में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरोध में फायरिंग करने वाले गोपाल की कई एक्सक्लूसिव जानकारी वन इंडिया के हाथ लगी है। वह दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके का रहने वाली है। फिलहाल कहीं से भी उसके किसी संगठन से जुड़े होने की जानकारी नहीं मिल रही है। उसकी जेवर में ही पान की दुकान है और खुद को कट्टर हिंदू बताता है। उसकी उम्र भी काफी कम है और महज 19 साल का बताया जा रहा है। गौरतलब है कि जामिया इलाके में उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच सरेआम हवा में पिस्तौल लहराकर फायरिंग कर दी, जिसमें जामिया के एक छात्र के हाथ में गोली लग गई।
जेवर में पान की दुकान चलाता है हमलावर
वन इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के जामिया इलाके में गुरुवार को सरेआम हवा में पिस्तौल लहराने वाले और पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग करने वाले गोपाल नाम का आरोपी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के जेवर इलाके का रहने वाला है। वह सिर्फ 19 साल का है, लेकिन वह खुद को कट्टर हिंदू बताता है। गोपाल का घर जेवर के दाउ जी मोहल्ला में है और उसके पिता का नाम राजेंद्र गोपाल शर्मा है। वन इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक वह अभी तक किसी भी संगठन से नहीं जुड़ा हुआ है। ये भी पता चला है कि जामिया जाकर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को डराने का फैसला उसने खुद ही लिया था। यह जेवर में ही एक पान की दुकान चलाता है। जामिया में फायरिंग से पहले उसने कथित तौर पर फेसबुक पर लाइव के जरिए इस तरह की वारदात को अंजाम देने का संकेत दिया था.....'शाहीन बाग खेल खत्म'। फेसबुक पर उसने अपनी प्रोफाइल में सिर्फ इतना लिखा है- 'रामभक्त गोपाल नाम है हमारा....BIO में इतना काफी है..बाकी सही समय आने पर..जय श्री राम'
पुलिस की मौजूदगी में की थी फायरिंग
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली के जामिया इलाके में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गोपाल ने काफी देर तक हवा में पिस्तौल लहराया था और फिर उसने एक गोली चला दी थी। इस फायरिंग में जामिया के मास कॉम के एक छात्र के हाथ में गोली लग गई, जिसे इलाज के लिए पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। जिस दौरान आरोपी शख्स हवा में पिस्तौल लहरा रहा था और उसने फायरिंग की वहां काफी संख्या में पुलिस वाले मौजूद थे, लेकिन किसी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। फिलहाल आरोप दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है और उससे लगातार पूछताछ जारी है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जब इतनी तादाद में पुलिस मौजूद थी तो उस शख्स को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई। दिल्ली पुलिस पर यह भी आरोप लग रहा है कि जख्मी छात्र को रास्ता देने के लिए उसने बैरिकेडिंग नहीं हटाई और जख्मी को उसे फांदकर जाने को मजबूर किया।
बोला- देता हूं तुम्हें आजादी
खबरों के मुताबिक आरोपी वहां काफी देर तक भारत माता की जय, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद और वंदे मातरम जैसे नारे लगाता रहा। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, हमलावर ने पिस्तौल लहराते हुए धमकाया कि 'देता हूं तुम्हें आजादी' । एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि वह नागरिकता संशोधन कानून विरोधी मार्च का विरोध कर रहा था। बाद में 'उसने जय श्रीराम के नारे लगाए और खुलेआम फायरिंग' कर दी। गौरतलब है कि 30 जनवरी के दिन शहीद दिवस के मौके पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मार्च निकाला जा रहा था और इसी मौके पर दिल्ली में इतनी बड़ी वारदात हुई। ये घटना तब हुई जब जामिया इलाके में प्रदर्शनकारी राजघाट की ओर मार्च निकाल रहे थे।
इसे भी पढ़ें- Jamia firing: फायरिंग करने वाले ने फेसबुक पर खुलेआम किया था ऐलान, "शाहीन भाग-खेल खत्म"