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'मैं मुस्लिम, वो हिन्दू, ऊपर से वो फौज में, अगर धोखा हुआ तो...' और फिर सामने आई असली हकीकत

लड़की मुस्लिम धर्म से थी और लड़का हिंदू, इसके बावजूद दोनों एक दूसरे से शादी करने का फैसला ले चुके थे।

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नई दिल्ली: कहते हैं कि जोड़ियां आसमान में तय होती हैं और हर जोड़ी को मिलाने के लिए धरती पर खुद-ब-खुद कोई ना कोई जरिया सामने आ ही जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ यूपी के रहने वाले इस कपल के साथ, जिनकी एक दूसरे से मुलाकात एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई। बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो दोनों ने एक दूसरे को पंसद कर लिया और मोबाइल स्क्रीन पर चैटिंग के जरिए होने वाली मुलाकात अब आमने-सामने होने लगी। लेकिन, मोहब्बत अगर आसानी से मिल जाए तो फिर बात ही क्या...। दरअसल इस जोड़ी में लड़की मुस्लिम धर्म से थी और लड़का हिंदू। इसके बावजूद दोनों एक दूसरे से शादी करने का फैसला ले चुके थे और अपने प्यार को अंजाम तक पहुंचाने में इन्हें क्या-क्या मश्किलें आईं, वो पूरी कहानी इस लड़की ने सोशल मीडिया पर बयां की है। (सभी तस्वीरें साभार- ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे)

'कुछ मस्ती करना चाहती थी, नए लोगों से मिलना चाहती थी'

'कुछ मस्ती करना चाहती थी, नए लोगों से मिलना चाहती थी'

फोटोब्लॉग 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' के इंस्टाग्राम पेज पर इस कपल की कहानी शेयर की गई है। हालांकि इस कहानी में लड़की के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन हम काल्पनिक तौर पर यहां उस लड़की को आयशा नाम दे रहे हैं। अपनी कहानी की शुरुआत करते हुए आयशा ने बताया, 'मैं अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में थी और जिंदगी बस शुरू ही होने वाली थी। मैं कुछ मस्ती करना चाहती थी, नए लोगों से मिलना चाहती थी। इसलिए, जब मेरी एक दोस्त ने एक डेटिंग ऐप के बारे में बताया और कहा कि यहां तुम अच्छे लोगों से मिल सकती हो, तो मैंने वो डेटिंग ऐप ज्वॉइन कर लिया।'

'जिसके साथ कुछ बातें कर सकूं, उसकी तलाश है'

'जिसके साथ कुछ बातें कर सकूं, उसकी तलाश है'

आयशा ने आगे बताया, 'करीब एक हफ्ते बाद मैंने नमन का प्रोफाइल देखा, जिसपर लिखा था- जिसके साथ कुछ बातें कर सकूं, उसकी तलाश है। बातें करना मुझे भी बहुत पंसद है और कुछ मिनट बाद ही हम दोनों ने एक दूसरे को मैच कर लिया। शुरुआत में हम दोनों के बीच बहुत ही सामान्य बातचीत हुई, लेकिन जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी तो मुझे पता चला कि नमन को भी ऐतिहासिक स्मारक पसंद हैं। इसी तरह जैसे लॉ और इकोनॉमिक्स मुझे पसंद थे, तो नमन को भी पंसद थे।'

'मन में ख्याल आए कि कहीं वो धोखेबाज तो नहीं'

'मन में ख्याल आए कि कहीं वो धोखेबाज तो नहीं'

अपनी कहानी में आयशा ने आगे बताया, 'हम दोनों यूपी से ही थे। नमन हिंदू थे और मैं मुस्लिम। इसके बाद चैटिंग के जरिए होने वाली बातचीत फोन कॉल पर होने लगी और मुझे पता चला कि नमन इंडियन आर्मी में हैं। हम दोनों हर रोज बातें करते थे और करीब दो हफ्ते बाद नमन ने कहा कि वो मुझसे मिलना चाहते हैं। मेरे अंदर थोड़ी झिझक थी। मेरे मन में ख्याल आए कि कहीं वो कोई धोखेबाज या हत्यारा तो नहीं?'

'अचानक नमन ने कहा- मैं तुम्हें पंसद करता हूं'

'अचानक नमन ने कहा- मैं तुम्हें पंसद करता हूं'

इस पोस्ट में आयशा ने बताया, 'लेकिन, जब हम दोनों मिले तो मुझे एहसास हुआ कि नमन कितने सभ्य हैं। अगले दिन मेरा बर्थडे था और नमन मुझे फतेहफुर सीकरी घुमाने ले गए। हम दोनों ने केक काटा और एक पिकनिक मनाई। और, अचानक नमन ने वहां मुझसे कहा कि मैं तुम्हें पंसद करता हूं। मैं अपना बर्थडे मना एक ऐसे इंसान के साथ मना रही थी, जिससे मेरी मुलाकात एक डेटिंग ऐप पर महज 20 दिन पहले ही हुई थी और वही शख्स मुझसे कह रहा है कि वो मुझे पंसद करता है..., ये बहुत ही शॉकिंग था।'

'शायद किस्मत और भगवान हमारे साथ थे'

'शायद किस्मत और भगवान हमारे साथ थे'

आयशा ने आगे बताया, 'मैं कुछ शर्माई और फिर कहा कि मैं भी तुम्हें पंसद करती हूं। हम दोनों ने फैसला लिया कि हम अपने आप को एक मौका देंगे। नमन आर्मी में थे और मैं अलीगढ़ में पढ़ाई कर रही थी। और, अगले एक साल हम दोनों लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहे और केवल तीन बार ही हमारी मुलाकात हुई। लेकिन, शायद किस्मत और भगवान हमारी साइड थे। साल 2018 में नमन की पोस्टिंग दिल्ली में हो गई और मैं जामिया आ गई।'

'मां ने कहा- अगर नमन मुसलमान होता, तो ठीक रहता'

'मां ने कहा- अगर नमन मुसलमान होता, तो ठीक रहता'

अपनी लव स्टोरी के बारे में आयशा ने आगे कहा, 'हर वीकेंड पर हम दोनों किसी ना किसी ऐतिहासिक इमारत को देखने जाते और चांदनी चौक में तब तक खाते, जब तक कि हमारा पेट अपने साइज से डबल नहीं हो जाता। दिल्ली की सरोजिनी नगर मार्केट में हम तब तक शॉपिंग करते रहते, जब तक कि हम दोनों के वॉलेट खाली नहीं हो जाते थे। और, इसके बाद वो पल आया, जब हम दोनों ने फैसला किया कि हम अपने बारे में अपनी-अपनी फैमिली को बताएंगे। नमन की मां ने हम दोनों के रिश्ते के लिए तुरंत हां कर दी, लेकिन मेरी मां ने कहा- अगर नमन मुसलमान होता, तो ठीक रहता।'

'और आखिरकार मां ने भी हमें स्वीकार कर लिया'

'और आखिरकार मां ने भी हमें स्वीकार कर लिया'

आयशा ने बताया, 'मां की बात सुनकर मैंने कहा- हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और हमें धर्म से क्या लेना-देना, फिर भी मां नहीं मानीं। हम दोनों ने एक साल तक उन्हें मनाने की कोशिश की और इसके बाद कोर्ट में शादी कर ली। नमन के मां-बाप हम दोनों की शादी के गवाह बने। मैं अपनी मां को मिस करती थी, लेकिन मुझे यकीन था कि एक दिन वो मान जाएंगी। और आखिरकार, हम दोनों को खुश देखकर उन्होंने हमें स्वीकार किया और कहा- खुश रहो।'

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'बस नमन वही हैं मेरे लिए'

'बस नमन वही हैं मेरे लिए'

पोस्ट के आखिर में आयशा ने कहा, 'ये हम दोनों ही हैं और खुश हैं। लोग अक्सर पूछते हैं- तुम दोनों डेटिंग ऐप पर मिले, वो हिंदू है और तुम मुस्लिम, लॉन्ग डिस्टेंस कैसे करोगे? लेकिन आपको पता है ना प्यार...जिसे आप अपनी आत्मा में महसूस करते है, जो बरसात में आपके लिए एक छाता बन जता है। बस नमन वही हैं मेरे लिए।'

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English summary
Girl Share Her Unique Love Story On Humans Of Bombay Instagram Page
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