राहुल पर आरोपों का बम फोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद हैं कितनी संपत्ति के माालिक?
नई दिल्ली, 26 अगस्त: सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी के अंदर काफी हलचल देखने को मिल रही है। जहां कांग्रेस छोड़ते हुए गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर जबरदस्त हमला बोला। वहीं कांग्रेस अंदर कई खामियों को भी गिनाया। इसके अलावा गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक पुराने सफर को लेकर भी कई अहम बातें कहीं। कांग्रेस छोड़ने के बाद आजाद ने जम्मू कश्मीर में नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है।
5 बार राज्यसभा के लिए चुने गए आजाद
कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद रहे गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की ओर से पांच बार राज्यसभा के लिए चुने गए। वह 2005 से 2008 तक जम्मू और कश्मीर के सातवें मुख्यमंत्री रहे। वहीं मनमोहन सिंह सरकार में आजाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बनाए गए। 2014 में कांग्रेस के सत्ता से जाने के बाद उन्हें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई।
1980 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता
गुलाम नबी आजाद ने साल 1973 में भलस्वा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में राजनीति की शुरुआत की थी। उनके अनोखे अंदाज से कांग्रेस उनकी मुरीद हो गई और उन्हें पार्टी ने उन्हें युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवाजा। साल 1980 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से पहला संसदीय चुनाव लड़ा और जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे।
चार प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम
उन्हें साल 1982 में केंद्रीय मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया गया। 1984 में वो आठवीं लोकसभा के लिए में भी चुने गए। 1985-89 सूचना और प्रसारण मंत्रालय में केंद्रीय उप मंत्री बने। नरसिम्हा राव की सरकार में गुलाम नबी आजाद संसदीय कार्य मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। इसके बाद आजाद के राजनीतिक सफर में साल 2005 स्वर्णिम युग बनकर आया। साल 2005 में उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर का कार्य भार संभाला।
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अप्रैल 2006 राज्य के इतिहास में सबसे अधिक मतों के साथ जम्मू और कश्मीर विधान सभा के लिए चुने गए। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहते हुए आजाद की अगुवाई में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर जीत हासिल की और इसी का नतीजा रहा कि इस राज्य में कांग्रेस राज्य की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी। 2009 चौथे कार्यकाल के लिए राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बनाए गए। 2014 राज्यसभा में आजाद विपक्ष के नेता रहे। 2015 पांचवीं बार राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए।उनकी कार्यशैली और कुशल नेतृत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मोदी सरकार में उन्हें साल 2022 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इतनी संपत्ति के मालिक हैं आजाद
माई नेता इंफो के मुताबिक गुलाम नबी आजाद और उनकी पत्नी शमीम की कुल मिलाकर 85 लाख रुएप की संपत्ति है। हालांकि उनकी संपत्ति समय-समय कम और अधिक भी होती रही है। 2014 में राज्यसभा उम्मीदवार के लिए दाखिल हलफनामे के मुताबिक उनके पास एक करोड़ 05 लाख 57 हजार 406 रुपये, पत्नी के नाम एक करोड़ 42 लाख 61 हजार 830 रुपये और पुत्री के नाम 16 लाख 59 हजार 324 रुपये की चल संपत्ति (नकदी और विभिन्न बैंकों में जमा धनराशि) थी।
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2014 में थी इतनी संपत्ति
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान 25 मार्च को दाखिल शपथपत्र में उन्होंने स्वयं के नाम 57 लाख 92 हजार 733 रुपये, पत्नी के नाम एक करोड़ 49 लाख 91 हजार 472 और पुत्री के नाम 16 लाख पांच हजार 385 रुपये की चल संपत्ति दर्शाया था। साथ ही आजाद ने स्वयं के नाम महाराष्ट्र के विदर्भ में 2.5 एकड़ कृषि भूमि और पत्नी के नाम श्रीनगर एवं दिल्ली में मकान होना दर्शाया था।
आजाद के पास नहीं है खुद की कार
हलफनामे के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कोई भी क्रिमनल केस नहीं है और ना ही उन पर किसी तरह का कोई लोन है। इसके उनके नाम पर कोई भी कार रजिस्टर्ड नहीं हैं। गुलाम नबी आजाद के एक बेटा और एक बेटी सोफिया नबी आजाद, सद्दाम नबी आजाद हैं।