गौरी लंकेश हत्याकांड के मामले में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, लगाया सनसनीखेज आरोप
नई दिल्ली। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी अमित बड्डी और गणेश मिस्किन को स्थानीय कोर्ट में सोमवार को पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्हें उन्हे हिरासत में टॉर्चर किया जा रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और दोनों ही आरोपियों का बेंगलुरू के विक्टोरिया अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया है।
एसआईटी के अनुसार वाघमारे और मिसकिन ने एक साथ हथियार चलाने की ट्रेनिंग हासिल की थी। जो तीसरा व्यक्ति इस ट्रेनिंग में शामिल था उसका नाम राजेश बंगेरा है, जोकि सरकारी कर्मचारी है और उसके पास दो लाइसेंसी पिस्टल हैं। राजेश इन लोगों को ट्रेनिंग देने वाला मुख्य ट्रेनर है और युवाओं को कट्टर हिंदू संगठन में शामिल करवाता है। वहीं अमोल काले जोकि पुणे में हिंदू जनजागृति समिति को चलाता है वह भी युवाओं को इस ग्रुप में शामिल कराता है।
एसआईटी के अनुसार वाघमारे ही हेलमेट पहनकर गौरी लंकेश के घर पर हमला करने के लिए पहुंचा था, जबकि उसके साथ उसका दूसरा साधी गणेश मिसकिन भी था, जोकि घर से बाहर बाइक पर वाघमारे का इंतजार कर रहा था। एसआईटी ने वाघमारे को अपनी चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया है। गौरी लंकेश हत्या मामले में वाघमारे ने स्पेशल इन्वेस्टिगेंटिंग टीम को तमाम जानकारी मुहैया कराई है, पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि लंकेश की हत्या के तार 30 अगस्त 2015 को एमएम कलबुर्गी की हत्या से जुड़े हैं। कलबुर्गी की हत्या के पीछे जो संगठन है, उसी संगठन के इशारे पर गौरी लंकेश की हत्या की गई है।
इसे भी पढ़ें- गौरी लंकेश के हत्यारों के निशाने पर थे प्रकाश राज, अभिनेता ने कहा, 'अब और बुलंद होगी ये आवाज'