ग्रैंड चैंलेंजेज ऐनुअल मीटिंग के संबोधन में कोरोना और विज्ञान को लेकर पीएम मोदी ने कही ये अहम बातें
नई दिल्ली। वैश्विक मुद्दों पर होने वाले ग्रैंड चैंलेंजेज ऐनुअल मीटिंग में पीएम मोदी शामिल हुए। ऑनलाइन हुए इस बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आने वाला भविष्य ऐसे समाज के जरिए तैयार होगा, जो साइंस और इनोवेशन में निवेश करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि साइंस और इनोवेशन के क्षेत्र में दूरदर्शी तरीके से पहले निवेश करना होगा, तभी फायदा होगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बैठक को भारत में होना था लेकिन महामारी की वजह से बदली हुई परिस्थितियों में इसका वर्चुअल आयोजन हो रहा है। टेक्नॉलजी की इतनी बड़ी ताकत है कि महामारी में भी यह हमें अलग नहीं कर पाया।
पीएम ने कहा कि भारत में एक काफी मजबूत और वाइब्रेंट साइंटफिक कम्युनिटी है। हमारे पास अच्छी वैज्ञनिक संस्थाएं हैं। वे भारत के बड़ी धरोहर हैं, खासकर पिछले कुछ महीनों में कोरोना से लड़ाई के लिए। आज हम प्रतिदिन करोना के मामले में कमी और कुल केसों में कमी देख रहे हैं। भारत में रिकवरी रेट 88 फीसदी है। लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भारत लॉकडाउन लगाने वाले शुरुआती देशों में था। भारत मास्क को प्रोत्साहित करने वाले शुरुआती देशों में था। भारत ने प्रभावकारी तरीके से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू किया। भारत रैपिड एंटीजन टेस्ट लागू करने वाले शुरुआती देशों में था।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने कई कदम उठाए हैं, जिससे हेल्थ केयर सिस्टम बेहतर हुआ है। सैनिटाइजेशन, बेहतर साफ-सफाई, ज्यादा से ज्यादा टॉइलेट, सबसे ज्यादा इससे किसे फायदा होता? इससे गरीबों और कमजोर तबके का फायदा होता है। हम वैक्सीन विकसित करने के मामले में काम कर रहे हैं। प्रभावकारी वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की 60 फीसदी वैक्सीन भारत में बनती है। भारत ग्लोबल हेल्थकेयर के प्रयासों के मामले में आगे रहा है। पीएम ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं हर घर में साफ पानी मिले। इससे बीमारियां कम होंगी। महिलाओं को इससे फायदा होगा। हम और ज्यादा मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
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