पिता चौकीदार, 4 साल तक चलाई ऑटो, अब उड़ाएंगे प्लेन
नयी दिल्ली। कहते हैं कि इंसान का जज्बा उसे कोई भी मुकाम पाने से नहीं रोक सकता है। अगर इंसान किसी बात को ठान ले औेर उसे पूरा करने का मन बना ले तो उसे सफलता मिलनी तय हैं। ऐसी ही सफलता की कहानी लिखी नागपुर के श्रीकांत पंतवणे ने।
पिता चौकीदार थे, खुद वो ऑटो चलाता था, लेकिन उसने सफलता देखा आसमान में उड़ने का। पायलट बनने का। तमाम बाधाओं के बावजूद उसने उस मुकाम को पा लिया और अब आसमान में उड़ान भर रहा है। जी हां श्रीकांत ने पायलट के तौर पर इंडिगो में नौकरी ज्वाइन की है। इंडिगो ने ट्विटर पर श्रीकांत की विशेष कहानी का एक उद्धरण डाला जो इंडिगो की अपनी इन हाउस मैगजीन में छपी थी।
आपको बता दें क् श्रीकांत का जन्म और परवरिश नागपुर में हुई। उनके पिता सिक्यॉरिटी गार्ड थे। आर्थिक रूप से कमजोर बैकग्राउंड होने के कारण श्रीकांत को कम उम्र से ही कमाने के लिए भी मजबूर होना पड़ा।वो 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ ऑटो बी चलाता था, लेकिन जब एक दिन वो किसी सवारी को छोड़ने एयरपोर्ट गया तो उसने वहां पायलट्स को देखा। उसे देखकर उसने भी पायलट बनने की ठान ली, लेकिन जब उसकी पढ़ाई और खर्च के बारे में पता चला तो उसकी हिम्मत ने जवाब देना शुरु कर दिया। फिर किसी ने बताया कि 12वीं की पढ़ाई के बाद सरकार छात्रवृत्ति देती है।
एविएशन रेग्युलेटर डीजीसीए यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन पायलट स्कॉलरशिप प्रोग्राम चला रहा है। उसने उड़ान का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश के एक स्कूल में प्रवेश ले लिया। फ्लाइट स्कूल में उन्होंने हर असेसमेंट में टॉप किया। अब वो आसमान में बतौर पायलट उड़ान भर रहा है।
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June
15,
2015