जम्मू कश्मीर: पाकिस्तान को जवाब देने के लिए आर्मी कमांडर्स को मिली एक्शन लेने की पूरी छूट
सेना को अब पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए खुली छूट दे दी गई है। एलओसी पर मौजूर आर्मी कमांडर्स और कमांडिंग ऑफिसर्स को एलओसी पर दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए सही और उपयुक्त फैसले लेने के लिए आजादी दी गई है।
नई दिल्ली। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर इन दिनों हालात काफी तनावपूर्ण हैं। पिछले दिनों जम्मू के सुंजवा में आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद हालात और बिगड़ चुके हैं। पाकिस्तान की ओर से समर्थन हासिल किए आतंकी, जम्मू कश्मीर में इन दिनों आए दिन आतंकी वारदातों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। सेना और सुरक्षाबलों की चौकसी से आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। अब एलओसी पर मौजूद आर्मी कमांडर्स और कमांडिंग ऑफिसर्स को एलओसी पर दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए सही और उपयुक्त फैसले लेने के लिए आजादी दे दी गई है। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई है।
सिंतबर 2016 से सेना आजाद
सेना को पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने की यह आजादी सिंतबर 2016 से मिली हुई है। सेना एलओसी पर स्थित पाकिस्तानी पोस्ट्स के खिलाफ अपने फैसले लेने के लिए तब से ही आजाद है जब पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए उरी आतंकी हमले का जवाब पाकिस्तान को दिया गया था। सेना से जुड़े सूत्रों की ओर से कहा गया है कि सेना ने एलओसी पर रणनीतिक कार्रवाई के लिए अपनी नैतिक प्राथमिकता को तय करने में सफलता हासिल की है। सेना का मकसद आने वाले गर्मी के मौसम में एलओसी पर मौजूद टेरर लॉन्च पैड्स को एक्टिवेट होने से रोकना है।
400 आतंकी घुसपैठ को रेडी
उधमपुर नॉर्दन आर्मी कमांड की ओर से अनुमान लगाया गया है कि करीब 400 आतंकी पाकिस्तान की तरफ से एलओसी पार करने के लिए गर्मी के मौसम का इंतजार कर रहे हैं। वह बर्फ पिघलने के साथ ही कश्मीर में घुसपैठ को रेडी हैं। कश्मीर में इन सर्दियों में बर्फबारी कम हुई है और ऐसे में उम्मीद है कि पाकिस्तान सेना घुसपैठ के लिए आतंकियों को जल्द से जल्द आदेश दे सकती है।
138 पाक सैनिक पिछले वर्ष ढेर
सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष एलओसी पर सेना की जो कार्रवाई हुई उसमें 138 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 156 घायल हुए। इस वर्ष पाकिस्तान अब तक एलओसी पर सात सैनिकों को गंवा चुका है और सात सैनिक घायल हुए हैं। इंडियन आर्मी ने एलओसी पर इस वर्ष अपने नौ सैनिक गंवा दिए तो वहीं पिछले वर्ष यह आंकड़ां 32 था। सेना की ओर से पाकिस्तान को पिछले वर्ष कई तरह से जवाब दिया गया है। सेना ने काउंटर टेररिस्ट स्ट्रैटेजी के तहत गुरिल्ला रणनीति से लेकर कई और तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया है।
भारतीय सेना की आक्रामकता से पाक हैरान
विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान पिछले वर्ष इंडियन आर्मी के आक्रामक रवैये से हिल गया है। एलओसी पर रहने वाले अपने नागरिकों और पोस्ट्स पर मौजूद सैनिकों को पाकिस्तान की ओर से करीब तीन दर्जन बार रेड अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा रावलपिंडी स्थित 19 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम राजा ने भी जनवरी में एलओसी पर मौजूद कई सेक्टर का दौरा किया और अपने सैनिकों से बात की। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से पिछले वर्ष एलओसी पर 860 बार युद्धविराम तोड़ा गया तो वहीं इस वर्ष अब तक यह आंकड़ा 280 पहुंच चुका है। वहीं पाक सरकार की ओर से दावा किया गया था कि भारत ने पिछले वर्ष 1,970 बार तो इस वर्ष 335 बार युद्धविराम तोड़ा है।