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Flashback 2019: मोदी सरकार के वे बड़े फैसले, जो ऐतिहासिक बन गए

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नई दिल्ली- मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के कुछ ही महीने में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। उसके ज्यादातर फैसलों का विरोध भी हुआ है, लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि सारे निर्णय ऐतिहासिक कहे जा सकते हैं, जिनका प्रभाव आने वाले दशकों या सदियों तक होने वाला है। लेकिन, इस साल में बड़े फैसले की शुरुआत मोदी के पहले कार्यकाल में हो चुकी थी, जब भारतीय वायुसेना के पायलटों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी कैंपों को बम बरसा कर तबाह कर दिए। आइए, एक नजर उन तमाम अहम फैसलों पर डाल लेते हैं जो इस साल केंद्र सरकार ने लिए हैं, जिससे देश का हर नागरिक किसी न किसी रूप में प्रभावित हुआ है।

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Flashback 2019: Modi की सत्ता में वापसी और राज्यों में हार सहित सभी साल भी खबरें | Year Ender 2019
नागरिकता (संशोधन) कानून

नागरिकता (संशोधन) कानून

2019 के दिसंबर महीने में नागरिकता (संशोधन) कानून बनना, इस साल के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक साबित हुई है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने 2 दिसंबर को पास किया, फिर 4 दिसंबर को इसपर राज्यसभा ने भी इसपर अपनी मुहर लगा दी। इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार होकर भारत आए हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के खिलाफ देश के कुछ वर्गों में काफी विरोध देखा जा रहा है, जिसको लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।

मोटर वाहन (संशोधन) कानून

मोटर वाहन (संशोधन) कानून

1 सितंबर, 2019 से लागू हुआ। वाहन चलाते समय नियमों के उल्लंघन पर लगने वाले जुर्मानों में 10 गुना या कुछ मामलों में उससे भी ज्यादा इजाफा कर दिया गया। मोटर वाहन कानून को सख्त करने का मकसद सड़क हादसों में होने वाली मौतों और घायल लोगों की संख्या कम करना है। मसलन, नए नियमों के तहत बिना हेलमेट के टू व्हीलर चलाने पर लगने वाला जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये, सीट बेल्ट नहीं लगाने का जुर्माना 1,000 रुपये, तय सीमा से ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है। इसी तरह बिना वैलिड लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर जुर्माना 5,000 रुपया किया गया है। इसी तरह अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके गार्जियन या वाहन मालिक पर 25,000 रुपये जुर्माना और तीन साल जेल का प्रावधान है। जबकि, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, कई राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र वाले विषयों में जुर्माने की राशि कम कर दी है।

बैंकों का विलय

बैंकों का विलय

30 अगस्त, 2019 को सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंकों के गठन की घोषणा की। इस फैसले के बाद 2017 में देश में जो सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी, वह घटकर 12 रह गई। सरकार ने ये कदम नन परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए)से जूझ रहे सरकारी बैंकों को राहत पहुंचाने और बैंक उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं देने की मकसद से किया है। इसके अलावा सरकार ने सरकारी बैंकों की नींव मजबूत करने के लिए 55,250 करोड़ रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।

आतंकवाद विरोधी कानून

आतंकवाद विरोधी कानून

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवाद विरोधी कानून 14 अगस्त से पूरे देश में लागू किया गया है। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसपर मुहर लगाई। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति आतंकवादी घोषित करने और उसकी संपत्तियां जब्त करने का प्रावधान है। द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट ऐक्ट, 2019 के तहत इसके तहत घोषित आंतकी के कहीं आवाजाही पर पाबंदी लगाने का भी प्रावधान है।

आर्टिकल-370 खत्म, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विभाजन

आर्टिकल-370 खत्म, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विभाजन

5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा राजनैतिक फैसला लिया। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा-370 खत्म कर दी गई और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ऐलान किया गया। इस फैसले से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर के सभी बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया और राज्य में संचार की सभी सेवाएं ठप कर दी गईं। बाद में केंद्र सरकार के इस फैसले को संसद के दोनों सदनों से पारित कर दिया गया। संविधान की इस धारा के खत्म होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक स्थिति वैसी ही हो गई जैसा कि देश के दूसरे इलाकों की है। बाद में 31 अक्टूबर से जम्मू और कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेश बन गए और उस दिन से दोनों जगहों पर उपराज्यपाल ने शासन-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल ली। अब जम्मू-कश्मीर में एक विधानसभा का प्रावधान बरकरार है, लेकिन उसकी स्थिति दिल्ली या पुडुचेरी जैसी हो गई है।

ट्रिपल तलाक गैरकानूनी घोषित

ट्रिपल तलाक गैरकानूनी घोषित

इस साल सत्ता में वापसी के बाद मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला ट्रिपल तलाक कानून बनाना रहा। पिछली बार दो-दो बार लोकसभा में यह बिल पास हो जाने के बाद राज्यसभा में यह विधेयक अटक जा रहा था। लेकिन, इस बार ट्रिपल तलाक जुलाई महीने में दोनों सदनों से पास होकर पिछले 6 महीने से कानून के तौर पर लागू है। इस कानून के बनने के बाद मुसलमानों में एक साथ या इंस्टेंट तीन तलाक देने की प्रथा गैर-कानूनी बन चुकी है। तीन तलाक बोलना, लिखना, एसएमएस या व्हाट्सएप करना भी गैरकानूनी हो चुका है। पत्नी को तीन तलाक देने वाले किसी भी शख्स को तीन साल तक की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती या इसके अलावा जुर्माना भी देना हो सकता है।

बालाकोट में एयर स्ट्राइक

बालाकोट में एयर स्ट्राइक

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी की रात में पाकिस्तान की सीमा में कई किलोमीटर घुसकर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद कैंप को तबाह कर दिया था। इसे एयर स्ट्राइक का नाम दिया गया और इसमें 300 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबरें आईं, लेकिन पाकिस्तान ने आज तक उसकी पुष्टि नहीं की है। हालांकि, पहले तो पाकिस्तान ने कहा था कि जंगलों में कुछ झाड़ियां जली हैं, लेकिन बाद में इमरान कहते सुने गए थे कि भारत बालाकोट से भी बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है।

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English summary
Flashback 2019:Big decisions of Modi government this year, which became historic
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