गलवान घाटी संघर्ष की पहली बरसी, लेह में सेना ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
लेह, जून 15: पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प को आज एक साल पूरा हो गया है। गलवान हिंसा के एक साल पूरे होने के अवसर पर भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने लेह स्थित वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद दोनों देशों के बीच भारी तनाव देखने को मिला था।
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रक्षा जनसंपर्क इकाई (पीआरओ), श्रीनगर ने जानकारी दी कि पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प की पहली बरसी पर फायर एंड फ्यूरी कोर ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के COS मेजर जनल अक्ष कौशिक ने मंगलवार, 15 जून को लेह स्थित वार मेमोरियल पर पुष्पचक्र अर्पित कर गलवान के शहीदों को नमन किया।
इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है कि अभूतपूर्व चीनी आक्रमण का सामना करते हुए, 20 भारतीय सैनिकों ने हमारी भूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और पीएलए को भारी नुकसान पहुंचाया। देश इन वीर सैनिकों का सदा आभारी रहेगा, जिन्होंने सबसे कठिन ऊंचाई वाले इलाके में लड़ाई लड़ी और राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था और संशस्त्र संघर्ष के बादल मंडराने लगे थे।
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15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई इस हिंसक घटना में तनाव इतना बढ़ गया था कि किसी भी तरफ से छोटी सी उकसावे की कार्रवाई भी एलएसी पर बड़े टकराव की शुरुआत कर सकती थी। 15 जून को चीनी सेना को खदेड़ते हुए भारतीय सैनिकों ने अद्म्य साहस का परिचय दिया। चीनी सैनिकों की संख्या ज्यादा थी, लेकिन 20 जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हुए देश के नाम अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।