दुनिया के पांचवें हिस्से को 2022 तक कोरोना vaccine मिलना मुश्किल, बल्क में खरीद रहे हैं अमीर देश
नई दिल्ली। पूरी दुनिया अभी भी कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी का सामना कर रही है। जहां कई देश अब भी वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में टीकाकरण अभियान तक शुरू हो चुका है। अमीर देश बल्क में वैक्सीन खरीद रहे हैं। बुधवार को प्रकाशित हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि अमीर देश अगले साल की संभावित डोज के आधे से अधिक का भंडारण कर रहे हैं, ऐसे में ये हो सकता है कि दुनिया की पांचवीं आबादी (fifth of the world's population) को 2022 तक भी वैक्सीन नहीं मिल पाएगी।
जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने कहा, अमीर देशों में दुनिया की करीब 14 फीसदी जनसंख्या है। जिन्होंने 13 कंपनियों द्वारा अगले साल तक विकसित होने वाली संभावित वैक्सीन का आधा ऑर्डर कर दिया है। ऐसे में इस बात का डर बढ़ गया है कि गरीब देश पीछे रह जाएंगे। बीएमजे मेडिकल जनरल में प्रकाशित अध्ययन में लोगों के उपलब्ध डाटा को देखा गया है, जिसमें इस बात का पता चला है कि नवंबर मध्य तक 7.48 बिलियन डोज को रिजर्व किया गया है। जो 3.76 बिलियन लोगों को वैक्सीन देने के बराबर है। क्योंकि अधिकतर वैक्सीन में दो डोज दी जाती हैं। जबकि 2021 के अंत तक 5.96 बिलियन वैक्सीन का ही निर्माण हो पाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक कोरोना वायरस का प्रभावी निवारक या उपचार उपलब्ध नहीं होता है, जैसे कि वैक्सीन तब तक देशों की यात्रा करने में दिक्कत आएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समन्वित कई देश एक संयुक्त क्रय तंत्र COVAX में शामिल हो गए हैं। जिसका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि दुनिया के सभी लोगों को वैक्सीन मिल पाए, फिर चाहे वो अमीर हों या गरीब। इस पहल के तहत ये उम्मीद की गई है कि 2021 के अंत तक वैक्सीन की दो बिलियन डोज उपलब्ध होंगी। लेकिन अभी तक अमेरिका और रूस दोनों ही इस प्रोग्राम में शामिल नहीं हुए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर सभी वैक्सीन उम्मीद मुताबिक काम करती हैं तो भी कई अमीर देश पहले से ही प्रति व्यक्ति कम से कम एक वैक्सीन आरक्षित कर लेंगे।
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