कांग्रेस से जुड़े दो चर्चित संगठनों पर छाया गहरा संकट, इन सभी बड़े NGO पर भी लटकी FCRA की तलवार
नई दिल्ली, 21 मार्च: वैसे गैर-सरकारी संगठनों पर लाइसेंस गंवाने का खतरा मंडरा रहा है, जो 31 मार्च तक गृह मंत्रालय से हरी झंडी पाने में नाकाम रहते हैं। इन संगठनों में कई बड़ी संस्थाओं समेत कांग्रेस पार्टी से जुड़े दो चर्चित संगठन भी शामिल हैं। इससे पहले मदर टेरेसा से जुड़ी मिशनरीज ऑफ चैरिटीज पर भी यह संकट छाया था, लेकिन उसने एफसीआरए के सभी मानदंडों को समय रहते पूरा कर लिया और उनके लाइसेंस रिन्यू किए जा चुके हैं। लेकिन, कई सारे संगठन इस मामले में पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
कई एनजीओ पर लाइसेंस रद्द होने की तलवार
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की जांच कर रहा है और हो सकता कि 31 मार्च की डेडलाइन खत्म होने तक कुछ के एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि कई प्रमुख संगठनों ने डेडलाइन बढ़ाने के लिए भी गृह मंत्रालय से गुजारिश की हुई है। कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले ही खत्म हो रही एफसीआरए रजिस्ट्रेशन की मियाद में छूट दे रखी है। ये छूट उन्हें दी गई हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन 29 सितंबर, 2020 से लेकर 31 दिसंबर, 2021 के बीच एक्सपायर हुआ है। इन्हें 31 मार्च, 2022 तक बाकी औपचारिकताएं पूरी करने की रियायत दी गई थी।
कई चर्चित एनजीओ का लाइसेंस रिन्यूअल बाकी
जिन प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लाइसेंस का रिन्यूअल होना है, उनमें पॉलिसी रिसर्च, हेल्पेज इंडिया, एसओएस चिल्ड्रेन विलेज ऑफ इंडिया, सीएनआई ट्रस्ट एसोसिएशन, आगा खान फाउंडेशन, तिब्बत हाउस कल्चरल सेंटर और दि इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस शामिल हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर होने देने की शर्त पर कहा, 'इनमें से कई गैर सरकारी संगठनों ने आवेदन दे रखा है, वहीं कइयों को उनके लाइसेंस के रिन्यूअल की अनुमति दे दी गई है।'
कांग्रेस पार्टी के इन दोनों संगठनों पर संकट
कांग्रेस पार्टी से जुड़े जिन दो बड़े चर्चित संगठनों का भी एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल होना बाकी है, वे हैं राजीव गांधी फाउंडेशन, और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट। कांग्रेस के इन दोनों संगठनों पर 2020 से ही केंद्रीय एजेंसियों की नजर है। तब गृह मंत्रालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और आयकर अधिनियमों के कथित उल्लंघनों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की अगुवाई में जांच के लिए एक कमिटी गठित की थी। एफसीआरए के सर्टिफिकेट के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चलने वाले इन दोनों संगठनों के लाइसेंस के रिन्यूअल की अनुमति 2016 में पांच साल के लिए दी गई थी।(कांग्रेस वाली तस्वीर-फाइल)
कई संस्थाओं को मिल चुकी है हरी झंडी
आगा खान फाउंडेशन के बारे में बताया जाता है कि यह कई सारे प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली और मुंबई में स्कूल और शिक्षा केंद्र स्थापित करना भी शामिल है। इस साल जनवरी में एफसीआरए, 2010 के सेक्शन 32 के तहत नई दिल्ली स्थित पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया और मिशनरीज ऑफ चैरिटी, कोलाकाता का सर्टिफिकेट रिन्यू कर दिया गया था, लेकिन करीब 6,000 एनजीओ को लाइसेंस गंवाना पड़ा था। ये एनजीओ वाले फौरन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे, लेकिन वहां से भी उनकी याचिकाएं खारिज हो गईं।
दो साल में 1,811 संस्थाओं के लाइसेंस रद्द
पिछले 15 मार्च को लोकसभा में गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया है कि 2019 से 2021 के बीच 1,811 संस्थाओं के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। उसके बाद कुल एफसीआरए रजिस्टर्ड संस्थाओं की संख्या 16,813 बची है। ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने हाल ही में अमेरिका की एक बड़ी संस्था हेवलेट फाउंडेशन को एफसीआरए नियमों के कथित उल्लंघनों के लिए 'वॉचलिस्ट' में रखा है। इससे पहले सरकार नियमों को पूरा नहीं करने के चलते ऑक्सफैम इंडिया का भी लाइसेंस रिन्यू नहीं किया था।