किसान आंदोलन को किसी विदेशी सरकार ने नहीं मिला है कोई समर्थन, विदेश मंत्रालय ने संसद में दी जानकारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया है कि देश में चल रहे किसान आंदोलन को किसी भी विदेशी सरकार ने समर्थन नहीं दिया है। आंदोलन को अन्य देश की सरकार से समर्थन को लेकर हुए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने बुधवार को संसद में ये जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कनाडा, यूके, यूएस और कुछ यूरोपीय देशों में किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के मुद्दे पर भारतीय मूल के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। कनाडा के पीएम ने भारत में किसानों से संबंधित मुद्दों पर एक टिप्पणी भी की है लेकिन किसी देश की सरकार ने किसानों के आंदोलन को समर्थन नहीं दिया है।
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विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कनाडा के पीएम की टिप्पणी के बाद हमने कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है। हमारी ओर से साफ कहा गया कि भारत के आंतरिक मामलों पर ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। ये भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाएंगी। जिसके बाद कनाडा सरकार ने किसानों और भारत सरकार के बीच बातचीत का स्वागत किया है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय से दिल्ली की सीमाओं और देश के दूसरे हिस्सों में किसान आंदोलन कर रहे हैं। विदेश से भी इस आंदोलन को समर्थन मिलता रहा है। कई जानीमानी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर इस आंदोलन का समर्थन किया है।
बता दें कि केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान 26 नवंबर, 2020 से देशभर के दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं।
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