25 जून को ग्रीस और इटली के लिए रवाना होंगे विदेश मंत्री, 18 सालों बाद पहला ऐसा दौरा
नई दिल्ली, जून 24: विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार (25 जून) को ग्रीस और इटली के अहम दौरे के लिए रवाना होंगे, जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी। उन्होंने बताया कि 18 सालों में यह पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा है। मंत्रालय ने बताया कि ग्रीस में विदेश मंत्री अपने समकक्ष के साथ 25 और 26 जून को बातचीत करेंगे। इसके बाद वो वहां से इटली के लिए रवाना होंगे। जहां वे जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक में शामिल होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस दौरे की जानकारी देते हुए बताया कि हमें उम्मीद है कि जैसे-जैसे हमारे देश में कोरोना की स्थिति में सुधार जारी रहेगा वैसे ही अन्य देश भारत में यात्रा करने के लिए कदम उठाएंगे। हमने इस संबंध में कुछ शुरुआती कदम देखें हैं, सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता देना जारी रखेगी।
कोवैक्सीन पर कही यह बात
वहीं विदेश सचिव ने कहा कि हम भारत बॉयोटेक की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपातकालीन उपयोग लिस्ट में शामिल करने के लिए बारीकी से पालन कर रहे हैं। दरअसल, कोवैक्सीन को लेकर डब्ल्यूएचओ की कुछ आपत्तियां हैं, जिसके कारण उसको ग्लोबल इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली हैं।
एससीओ एनएसए मीट पर उन्होंने बताया कि बैठक में अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरवाद, नशीली दवाओं की अवैध तस्करी और इस साल सितंबर में दुशांबे में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की गई। विदेश मंत्रालय ने एससीओ एनएसए की दुशांबे (ताजिकिस्तान) की मीटिंग को लेकर बताया कि एनएसए स्तर की बैठक के बाद एक प्रोटोकॉल के तहत एक परिणाम दस्तावेज अपनाया गया था। मैं समझता हूं कि प्रोटोकॉल के अनुसार एससीओ सचिवालय कुछ समय बाद इस दस्तावेज को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा।
धर्मांतरण मामले पर क्या बोला मंत्रालय
उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए धर्मांतरण मामले में पाकिस्तान और जाकिर नाइक के हाथ होने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि जाकिर नाइक के मामले में हमारे पास अभी कोई जानकारी नहीं है। हम मलेशिया सरकार के अधिकारियों के साथ उनके प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
अफगानिस्तान पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सभी शांति पहलों का समर्थन करता है और अफगानिस्तान के विकास और पुनर्निर्माण के लिए उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता है। इस संदर्भ में हम देशों सहित विभिन्न हितधारकों के संपर्क में हैं। वहीं अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बिजली, बांध, स्कूल, स्वास्थ्य देखभाल और सामुदायिक परियोजनाएं लेकर आया है। और दुनिया जानती है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में क्या लेकर आया है।