गृह मंत्रालय का निर्देश- स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें राज्य, 24*7 मिले सहायता
नई दिल्ली। देशभर में फैले कोरोना वायरस से सामने की लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वह स्वास्थ्य पेशेवरों, चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य स्टाफ के खिलाफ होने वाले की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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गृह मंत्रालय के तरफ से राज्यों को यह भी कहा गया है कि प्रशासन उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए जो COVID-19 से संक्रमित हुए कोरोना योद्धाओं के अंतिम संस्कार में बाधा डालने डालने का प्रयास कर रहे हैं। गृह मंत्रालय द्वारा एक पत्र में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वह जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करें जो चिकित्सा पेशेवरों के कामकाज पर किसी भी सुरक्षा मुद्दे के निवारण के लिए 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहें। हिंसा की कोई भी घटना होने पर उन्हें तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की छूट भी दी जाए।
State Govts/ UTs requested to appoint Nodal Officers at State/UT level&at Dist level, who would be available 24*7 to redress any safety issue on the functioning of medical professionals.They should also take immediate&strict action in case any incident of violence takes place:MHA https://t.co/Ii3SxsTrfU
— ANI (@ANI) April 22, 2020
स्वास्थ्यकर्मियों
पर
हमला
किया
तो
जाना
होगा
जेल
केंद्र
सरकार
स्वास्थ्यकर्मियों
पर
हमले
रोकने
के
उद्देश्य
से
अध्यादेश
लेकर
आई
है।
अध्यादेश
में
स्वास्थ्यकर्मी
पर
हमले
का
दोषी
पाए
जाने
वाले
को
6
महीने
से
7
साल
तक
की
सजा
का
प्रावधान
है।
साथ
ही
1
लाख
से
5
लाख
रुपए
तक
का
जुर्माना
लगाया
जा
सकता
है।
केंद्रीय
मंत्री
प्रकाश
जावड़ेकर
ने
कहा
है
कि
मेडिकल
स्टाफ
के
खिलाफ
होने
वाले
हमलों
और
उत्पीड़न
को
बिलकुल
बर्दाश्त
नहीं
किया
जा
सकता।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा और उनको संरक्षण देने के लिए ये अध्यादेश लाया गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएगा। अध्यादेश में जो प्रावधान हैं उनके मुताबिक, मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1लाख से 5 लाख रुपए है।
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