दक्षिण कश्मीर में IAF तैयार कर रही है इमरजेंसी हवाई पट्टी, युद्ध की स्थिति में हो सकेगी जेट्स की लैंडिंग
श्रीनगर। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के दौरान ही दक्षिण कश्मीर में 3.5 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप यानी हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है। यह एयरस्ट्रिप दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में नेशनल हाइवे नंबर 44 पर तैयार हो रही है। इस एयर स्ट्रिप के तैयार हो जाने के बाद किसी भी इमरजेंसी हालत में फाइटर जेट्स की लैंडिंग कराई जा सकती है। एक तरह से यह आईएएफ का इमरजेंसी रनवे होगा।
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पुलवामा हमले वाले रास्ते पर एयर स्ट्रिप
इस तरह की एयर स्ट्रिप की कश्मीर में अहमियत कई गुना बढ़ जाती है। यहां से पाकिस्तान और चीन दोनों का ही बॉर्डर बस कुछ किलोमीटर दूर है। अगर कोई युद्ध जैसी स्थिति होती है या फिर संघर्ष के हालात होते हैं तो फिर यह रनवे न सिर्फ आईएएफ बल्कि इंडियन आर्मी को भी बड़ी मदद कर सकता है। नेशनल हाइवे 44 वही रास्ता है जहां पर 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद ने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के काफिले को पुलवामा में निशाना बनाया था। अगर अब कोई भी पुलवामा जैसा आतंकी हमला होता है तो इस एयर स्ट्रिप का प्रयोग रणनीतिक तौर पर दुश्मन को जवाब देने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा बाढ़ और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी इस हवाई पट्टी का प्रयोग राहत और बचाव कार्य के समय किया जा सकेगा।
हाइवे जोड़ता लद्दाख को कश्मीर घाटी से
यह रनवे स्ट्रिप ऐसे समय में तैयार हो रही है जब लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव पिछले एक माह से जारी है। एनएच 44 ही लद्दाख को कश्मीर घाटी और बाकी देश से जोड़ता है। 3.5 किलोमीटर लंबी यही हवाई पट्टी श्रीनगर-बनिहाल हाइवे पर है। सूत्रों के मुताबिक इस हवाई पट्टी के निर्माण का फैसला साल 2017 में लिया गया था। इस तरह की एयर स्ट्रिप फिलहाल 12 और राज्यों में तैयार की जाएंगी। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात में भी ऐसी एयर स्ट्रिप का निर्माण कार्य जारी है।