VVPAT-ईवीएम मिलानः सुप्रीम कोर्ट को EC का जवाब- वीवीपैट मशीन की संख्या बढ़ाने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर वीवीपैट के सात 50 प्रतिशत ईवीएम परिणाम का मिलना करने की 21 विपक्षी दलों की ओर से दायर याचिका पर चुनाव आयोग ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट सौप दिया है। आगामी चुनावों में परिणामों की घोषणा से पहले VVPATs के साथ 50% EVM परिणामों का मिलान और क्रॉसचेक करने की मांग वाली याचिका पर चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि ईवीएम से मिलान करने करने के लिए वीवीपीएटी मशीन की संख्या बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।
इसके साथ-साथ चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि हर विधानसभा सीट से एक बूथ के VVPAT-EVM मिलान की व्यवस्था सही है, इसमें कोई खामियां भी नहीं मिली है। जहां तक 50 प्रतिशत मिलान की मांग है तो उसमें परिणाण घोषित करने में 6-9 दिन का समय लग जाएगा। बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और सरकार से जवाब मांगा था। बता दें कि पिछले कुछ सालों में ईवीएम का मुद्दा काफी गरम रहा है। विपक्ष के कई नेता बैलेट पेपर के जरिए वोटिंग कराने की मांग भी कर चुके हैं। कुछ नेताओं ने दावा किया था कि ईवीएम को हैक कर मत में हेर फेर किया जा सकता है।
21
दलों
के
नेताओं
ने
सुप्रीम
कोर्ट
से
की
थी
मांग
दरअसल
VVPATs
के
साथ
50%
EVM
परिणामों
का
मिलान
और
क्रॉसचेक
करने
को
लेकर
देशभर
से
कुल
21
दलों
के
नेताओं
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिका
दाखिल
कर
इसकी
मांग
की
थी।
जिसमें
टीडीपी
के
नेता
और
चंद्रबाबू
नायडू,
सपा
मुखिया
अखिलेश
यादव,
के
सी
वेणुगोपाल,
शरद
पवार,
अरविंद
केजरीवाल,
सतीश
चंद्र
मिश्रसमेत
कुल
21
दलों
के
नेताओं
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
याचिक
दायर
कर
ईवीएम
के
जरिए
होने
वाले
चुनाव
में
गड़बड़ी
की
आशंका
जताते
हुए
50
फीसदी
तक
वीवीपैट
के
ईवीएम
से
मिलान
की
मांग
की
थी।
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