पोलिंग बूथ में घुसे राहुल गांधी, चुनाव आयोग बेबस, आचार संहिता हुई तार-तार
8वें चरण के मतदान के दौरान अमेठी सबसे ऊपर रहा वो भी मतदान प्रतिशत की वजह से नहीं बल्कि आचार सहिंता के नियमों को तोड़ने की वजह से। बुधवार को सुबह होते ही अमेठी में राहुल गांधी पहुंच गए और प्रियंका बाहर निकल गईं। यहां तक तो ठीक था लेकिन उसके बाद जाे हुआ शायद उस पर चुनाव आयोग भी भरोसा न कर सके। हुआ ये कि अमेठी में मतदान के दौरान जब लोग वोट डाल रहे थे तो राहुल स्वयं एक मतदाता के पास अंदर जाकर पहुंच गए। जहां तक आयोग के नियम की बात है तो उस जगह कोई प्रत्याशी भटक भी नहीं सकता जहां तक राहुल पहुंच गए। राहुल गांधी की वह फोटो लोगों ने टिवीट कर आयोग को चेताने की भी कोशिश की है लेकिन कांग्रेस के पावर में दम है: पहले तो देश को घोटाालों की तेज आंच में झांक दिया और उसके बाद आयोग को भी कब्जे में ले लिया।
गांधी गढ़ अमेठी में बात राहुल तक ही नहीं रुकी बल्कि प्रियंका वाड्रा ने आचार सहिंता के नियमों के अनुरूप अमेठी छोड़ते हुए अपनी पीए प्रीती सहाय को अमेठी में ही रहने को कह दिया। अब प्रियंका ने अपनी पॉवर अगर प्रीती को दे दी तो भला कोई कैसे उन्हें रोक-टोक सकता है। यही हुआ भी लेकिन कुछ अजीब तरीके से। प्रीती ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदाताओं से कांग्रस के पक्ष में वोट डालने की अपील की। यह बात जब बहू यानी कि भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने सुनी तो उनसे रहा नहीं गया और मामला कहा-सुनी तक पहुंच गया।
ऐसा सोचना कतई अपराध होगा कि चुनाव आयोग ये सब कुछ देख नहीं रहा था लेकिन आखें और जुबां बंद कर। एक तरु मोदी की चेतावनी के बाद भी चुनाव आयोग असफल साबित हुआ तो दूसरी ओर इस बात के भी थोड़े-थोड़े प्रमाण अमेठी वारदात के बाद सिद्ध हो गए कि यूपी और बिहार में बूथ कैपचरिंग हुई होगी। अमित शाह ने एक बयान में यह पहले ही कह दिया था। एक दौर था वर्ष 2004 का जब चुनाव आयोग के मुखिया टीएन सेशन थे और बिहार में आयोग की सख्ती से ही इतिहास में पहली बार सबसे बड़ा तख्ता-पलट हुआ था।