हाइपरसोनिक तकनीक की दिशा में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, रक्षा मंत्री बोले- वैज्ञानिकों पर गर्व
नई दिल्ली। देश ने स्वदेशी हथियार विकसित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जानकारी दी कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास (डीआरडीओ) ने देश में निर्मित हाइपररसोनिक टेक्नोलॉजी डेमनस्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री ने बताया है कि इस सफलता के साथ ही अब हर संवेदनशील तकनीक को अगले चरण के लिए तैयार कर लिया गया है।
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क्या है HSTDV और क्या होगा प्रयोग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नई खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के नजरिए की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर डीआरडीओ को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी कि उन्होंने उन सभी वैज्ञानिकों से बात की है जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए थे। रक्षा मंत्री ने सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा कि देश को उन पर गर्व है। एचएसटीडीवी एक मानवरहित स्क्रैमजेट डेमॉनस्ट्रेशन एयरक्राफ्ट है जो हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के लिए है। यह 7,350 किलो प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकता है और सिर्फ 20 सेकेंड में ही 32.5 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। यह एयरक्राफ्ट न सिर्फ लंबी दूरी की मिसाइलों के प्रयोग के लिए होगा बल्कि इसे असैन्य मकसद से भी प्रयोग किया जा सकेगा। इस व्हीकल को बहुत ही कम कीमतों पर सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए भी प्रयोग किया जा सकेगा।