BCCI संविधान संशोधन: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के तीन अधिकारियों को दी चेतावनी
कोर्ट ने तीस अक्टूबर को बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को खुद पेश होने को कहा है।
नई दिल्ली। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने और बीसीसीआई के संविधान में संशोधन को लेकर हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बीसीसीआई के तीन बड़े अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में सुधार के लिए इनसे राय मांगी है। ऐसा नहीं करने की सूरत में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों को अंजाम भुगतने तक की चेतावनी दी है।
बीसीसीआई ने इन तीनों पदाधिकारियों को 30 अक्टूबर से पहले एडमिनिस्ट्रेटर्स की कमेटी द्धारा सुझाए गए ड्राफ्ट पर पर राय मांगी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बीसीसीआई पदाधिकारियों को फटकार लगाई कि 6 महीने बीत जाने के बाद भी वो बोर्ड में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं करा पाए। वो भी तब जब उन्होंने कोर्ट में हलफनामा दिया था।
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कोर्ट ने तीस अक्टूबर को बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को खुद पेश होने को कहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक राज्य एक वोट के मामले पर भी दोबारा विचार करने की बात कही है। क्योंकि बोर्ड के संविधान संशोधन में ये फांस साबित हो रही है। ज्यादातर राज्य क्रिकेट संघ इस बिंदु पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। वहीं सुनवाई के दौरान इन तीनों पदाधिकारियों को कोर्ट में मौजूद रहने के भी निर्देश दिए गए थे।
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने को लेकर हो रही देरी के बीच सुप्रीम कोर्ट की ये तल्खी तब सामने आई है। जब 16 अगस्त को सीओए ने कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अमल नहीं करने के लिए बोर्ड के सभी बड़े पदाधिकारियों को हटाने का कहा था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को सौंपी पांचवी स्टेटस रिपोर्ट में भी सीओए ने कोर्ट से मांग की थी कि बीसीसीआई का मैनेजमेंट, प्रशासन को तुरंत उन्हें सौंप दिया जाए और इसके संचालन के लिए किसी प्रोफेशनल ग्रुप की मदद लेने की मंजूरी दी जाए।