असम दौरे से पहले उल्फा ने दी दलाई लामा को धमकी, चीन के खिलाफ कुछ भी न कहें
पहले हफ्ते में असम की यात्रा पर जाएंगे तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और उससे पहले आतंकी संगठन उल्फा ने दी उन्हें धमकी। उल्फा ने कहा चीन के खिलाफ न बोलें दलाई लामा और नहीं करना चाहिए असम का दौरा।
गुवाहाटी। तिब्बितयों के धर्मगुरु दलाई लामा अप्रैल के पहले हफ्ते में असम का दौरा करने वाले हैं और इससे पहले उल्फा की ओर से उनके लिए चेतावनी आई है। उल्फा ने दलाई लामा को धमकी देते हुए कहा है कि असम की जमीन से दलाई लामा चीन के खिलाफ बोलने की हिमाकत न करें।
लिखी गई चिट्ठी
इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) के अधिकारियों ने भी चेतावनी दी है कि दलाई लामा के दौरे पर कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। दलाई लामा एक अप्रैल से सात अप्रैल तक असम और अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। चीन की तरफ से पहले ही इस दौरे को लेकर विरोध जताया जा चुका है। उल्फा-I की ओर से दलाई लामा के लिए धमकी आई है। आईबी अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो यह धमकी चीन की ओर से दी गई है। उल्फा का नेता परेश बरुआ इस समय चीन में ही कहीं छिपा हुआ है। उल्फा ने एक ओपेन लेटर लिखा है जिसमें दलाई लामा को असम का दौरा न करने की चेतावनी दी गई है। इस ओपेन लेटर को अभिजीत असोम बर्मन की ओर से लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि दलाई लामा को नार्थ ईस्ट का दौरा करने से बचना चाहिए। साथ ही उन्हें यहां पर चीन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलना चाहिए। नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में इस धमकी के बाद सुरक्षा व्यवस्था को काफी बढ़ा दिया गया है। आईबी ने कहा है कि नार्थ ईस्ट में चीन इस दौरान हिंसा को अंजाम दे सकता है।
एजेंसियां हाई अलर्ट
चीन की ओर से पहले ही भारत को संबंध बिगड़ने की चेतावनी दी जा चुकी है। जब से दलाई लामा ने अपने असम और अरुणाचल दौरे का ऐलान किया है चीन की ओर से धमकी आई है कि यह दौरा भारत-चीन के संबंधों को खराब कर सकता है। बर्मन ने इस चिट्ठी में यह भी लिखा है कि चीन ने हमेशा से एक मित्र पड़ोसी की तरह बर्ताव किया है। ऐसे में चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा जाना चाहिए और हम असम की जमीन से भारत के प्रपोगैंडे को बर्दाश्त नहीं करेंगे। एजेंसियां अब बरुआ की गतिविधियों का पता लगाने में जुट गई हैं और पता चला है कि वह चीन के युनान प्रांत के रुइली में रहता हे। चीन में शरण लेने से पहले वह भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश में था।