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BBC SPECIAL: हादिया ने पूछा- क्या लोगों को इस्लाम कबूल करने का हक़ नहीं है?

हादिया और शफ़ीन जहां की शादी को सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा है. दोनों की शादी पूरे देश में चर्चा में रही तो शफ़ीन से यह सवाल पूछना बनता था कि उन्होंने हादिया से शादी क्यों की?
शफ़ीन ने कहा, "हम दोनों भारतीय पैदा हुए हैं और हमें ख़ुशी से साथ रहने की स्वतंत्रता है. हम जिसके साथ चाहें उसके साथ रहने का हमारे पास अधिकार है. मैं उन्हें पसंद करता था तो हमने शादी कर ली.  

By BBC News हिन्दी
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हादिया और शफ़ीन जहां की शादी को सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा है. दोनों की शादी पूरे देश में चर्चा में रही तो शफ़ीन से यह सवाल पूछना बनता था कि उन्होंने हादिया से शादी क्यों की?

इस पर बीबीसी हिंदी से शफ़ीन ने कहा, "हम दोनों भारतीय पैदा हुए हैं और हमें ख़ुशी से साथ रहने की स्वतंत्रता है. हम जिसके साथ चाहें उसके साथ रहने का हमारे पास अधिकार है. मैं उन्हें पसंद करता था तो हमने शादी कर ली.

अखिला अशोकन ने अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद शफ़ीन से शादी कर ली थी और उन्होंने अपना नाम हादिया रख लिया था. इसको लेकर विवाद शुरू होने के बाद शफ़ीन ने पहली बार खुलकर बात की है.

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'इंसाफ़ मिलने से ख़ुशी हुई'

अभी तक हादिया मज़बूती से एक युवा महिला की तरह अपनी बात रखती आई हैं. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सीधा उनका बयान जानने के लिए उन्हें समन जारी किया था.

शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि केरल हाईकोर्ट को दोनों लोगों की शादी को रद्द नहीं करना चाहिए था. इससे पहले न्यायालय ने सवाल उठाया था कि कोर्ट के पास दो बालिग लोगों के बीच सहमति से हुई शादी को रद्द करने का अधिकार कहां से है.

हादिया ने बीबीसी हिंदी से कहा, "मुझे इंसाफ़ मिलने से बहुत ख़ुशी हुई है. मुझे जो हाईकोर्ट से नहीं मिला था वो सुप्रीम कोर्ट से मिला है."

इस मामले ने तूल तब पकड़ा था जब हादिया के पिता केएम अशोकन को यह एहसास हुआ कि उनकी बेटी ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है. इसके बाद अशोकन ने केरल हाईकोर्ट में हैबियस कॉरपस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) की याचिका दायर की थी.

हादिया ने हाईकोर्ट में कहा कि इस्लाम से काफ़ी प्रभावित होने के बाद उन्होंने इस धर्म को स्वीकार कर लिया था.

हादिया कहती हैं, "मेरी शादी को लेकर इतना बवाल इसलिए मचा क्योंकि मैंने इस्लाम कबूल किया. क्या लोगों को इस्लाम कबूल करने का हक़ नहीं है?"

कहां से हुई शुरुआत?

हादिया के पिता के.एम. अशोकन का कहना था कि उनकी बेटी के दोस्त के पिता अबूबकर के प्रभाव में आने के बाद उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया गया. अशोकन की पुलिस में शिकायत के बाद अबूबकर को गिरफ़्तार कर लिया गया था और इसके बाद हादिया ग़ायब हो गईं.

यह तब हुआ था जब पहली हैबियस कॉरपस याचिका दायर की गई थी. अशोकन ने बाद में दूसरी याचिका दायर की और आशंका जताई कि उनकी बेटी को देश से बाहर ले जाया जाएगा.

इसके बाद शफ़ीन ने हादिया के साथ शादी कर ली थी और वह याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में भी मौजूद रहती थी.

लेकिन एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कोर्ट से कहा कि ऐसे बहुत से तथ्य हैं जो दिखाते हैं चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट से संपर्क वाले अतिवादी संगठन हिंदू लड़िकयों का इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने में शामिल हैं. इसके परिणामस्वरूप यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भेज दिया गया.

एनआईए की जांच शफ़ीन के कथित आतंकी संपर्कों पर केंद्रित थी. शफ़ीन पॉपुलर फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) के सदस्य थे और रोज़गार के लिए मस्कट, ओमान भी गए थे.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि एनआईए की जांच जारी रहेगी.

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पीएफ़आई का किया शुक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद शफ़ीन तकरीबन 500 किलोमीटर का सफ़र तय करके अपनी बीवी हादिया को लेने कोल्लम (केरल) से सलेम (तमिलनाडु) गए जहां वह एक होम्योपैथी कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं.

इसके बाद वह कोल्लम में अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने से पहले 500 किलोमीटर दूर कोझिकोड गए.

काफ़ी थक चुका यह शादीशुदा जोड़ा कोझिकोड में पीएफ़आई के चेयरमैन इलामरम नसरुद्दीन से मिलने संगठन के यूनिटी हाउस मुख्यालय गया था.

शफ़ीन ने कहा, "यह सिर्फ़ पीएफ़आई की वजह से हुआ है क्योंकि उसने हमेशा हमारी मदद की."

हादिया ने पीएफ़आई के परिसर में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्होंने दो और दूसरे संगठनों से मदद के लिए संपर्क किया था लेकिन केवल पीएफ़आई ही उनके बचाव के लिए आया.

एक पत्रकार ने उनसे उनके ऊपर लगे गंभीर आरोपों से जुड़ा सवाल किया तो हादिया ने कहा, "हर कोई आरोप लगा सकता है. अगर शफ़ीन नहीं होते तो मेरे साथ कौन खड़ा होता? बहुत से ऐसे लोग हैं और बहुत से ऐसे मुस्लिम संगठन हैं जिनका नाम मैं नहीं लेना चाहती, वे मेरी मदद नहीं करना चाहते थे."

वह कहती हैं, "ऐसे कुछ संगठन भी थे जो मेरी मदद कर रहे संगठनों के काम के रास्ते में आए."

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अभी साथ नहीं रहेंगे दोनों

लेकिन सुप्रीम कोर्ट से पति-पत्नी ठहरा दिए जाने के बाद भी यह दोनों अभी भविष्य में साथ रह पाएंगे ऐसा नहीं है.

शफ़ीन कहते हैं, "कॉलेज ने इन्हें (हादिया को) सिर्फ़ तीन दिन की छुट्टी दी है. इसके बाद यह कॉलेज चली जाएंगी."

उन्होंने आगे कहा, "वह अपनी पढ़ाई कर रही हैं और इसके बाद हम आम लोगों की तरह साथ जीवन बिता पाएंगे."

वह कहते हैं कि वह प्रशासकीय सचिव के तौर पर मस्कट में काम करते थे लेकिन इस केस के कारण उनकी नौकरी चली गई और अब वह केरल में रहते हैं.

शफ़ीन कहते हैं कि करियर के लिए उन्हें अब थोड़े समय की ज़रूरत है क्योंकि वह कानूनी लड़ाई से काफ़ी थके हुए हैं.

एनआईए की जांच में सहयोग के सवाल पर शफ़ीन कहते हैं, "उन्होंने मुझे जहां बुलाया है, मैं वहां गया हूं."

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English summary
do people dont have the right to convert into islam, asks hadiya
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