दिखे प्लास्टिक के तिरंगे तो होगी 3 साल की सजा
होम मिनिस्ट्री ने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सांस्कृतिक और खेल-कूद समारोहों में प्लास्टिक के तिरंगे के उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासकों और भारत सरकार के सभी विभागों के सचिवों को पत्र जारी कर कहा है कि प्लास्टिक के तिरंगे का उपयोग ध्वज का अपमान है।
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इस परिपत्र में भारतीय झंडा संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के उपबंधों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का जिक्र है। मंत्रालय के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि महत्वपूर्ण अवसरों पर कागज के झंडों के स्थान पर प्लास्टिक के झंडों का उपयोग किया जा रहा है।
राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है या उसके प्रति अनादर प्रकट करता है तो उसे तीन वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।