क्या शिक्षक भर्ती घोटाले के बीच धर्मेंद्र प्रधान ने TMC प्रवक्ता के साथ की बैठक, अब पार्टी ने जारी किया बयान
क्या शिक्षक भर्ती घोटाले के बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने TMC प्रवक्ता के साथ की बैठक, अब दोनों नेताओं ने जारी किया बयान
कोलकाता, 28 जुलाई: पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये की शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच ईडी कर रही है। इसको लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध जारी है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुणाल घोष के बीच एक कथित बैठक को लेकर एक ताजा विवाद छिड़ गया। टीएमसी नेता कुणाल घोष द्वारा दावा किया गया था कि उन्होंने धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। लेकिन अब भाजपा ने बुधवार को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुणाल घोष के बीच कोई बैठक नहीं हुई थी। जिस जगह धर्मेंद्र प्रधान थे, वहां कुणाल घोष बिन बुलाए आए थे। उनको किसी ने नहीं बुलाया था।
दावा किया जा रहा था कि कथित बैठक 23 जुलाई को हुई थी जब धर्मेंद्र प्रधान कोलकाता आए थे। भाजपा की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "बीजेपी इस बात को रिकॉर्ड में लाना चाहती है कि ऐसी कोई बैठक की योजना नहीं थी और ना ही इरादा था। कुणाल घोष मानिकतला विधानसभा में हमारे कार्यकर्ता के घर पर बिना बुलाए आए थे, जहां पहले से धर्मेंद्र प्रधान एक संगठनात्मक बैठक के लिए गए थे।''
भाजपा ने कहा, "कुणाल घोष हमारे कार्यकर्ता के रूप में उसी इमारत में रहते हैं। वो आमंत्रित नहीं थे ना ही ऐसी उम्मीद की जा रही थी। यह स्वीकार करने के अलावा कोई चर्चा नहीं हुई कि कुणाल घोष बिना किसी सूचना के वहां पहुंचे थे। कुणाल घोष परिचित हैं क्योंकि वह राज्यसभा सांसद थे।''
हालांकि कुणाल घोष ने बयान का खंडन किया और भाजपा की प्रतिक्रिया को 'अस्थिर' कहा है। अपने स्पष्टीकरण ट्वीट में कुणाल घोष ने लिखा है, धर्मेंद्र प्रधान ने उनकी तारीफ भी की थी और मिठाई खाने का ऑफर भी दिया था।''
कुणाल घोष ने यह स्वीकार करते हुए ट्वीट किया, "मैंने अपनी पूर्व सांसद पहचान का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने संसद में अपने भाषण के बारे में भाजपा नेताओं को बताया। अब मैं भाजपा की अस्थिर प्रतिक्रियाओं का आनंद ले रहा हूं। यह आपस में आत्मविश्वास की कमी को साबित करता है। वास्तव में यह बहुत ही हास्यास्पद है।"