दिल्ली हिंसा के दौरान दो दिन में 13000 लोगों ने पुलिस को किया फोन, 102 लोगों को लगी गोली
नई दिल्ली। पिछले दिनों दिल्ली में भड़की में हिंसा में दर्जनों लोगों की जान चली गई। दिल्ली हिंसा के बाद पुलिस अब इस पूरी घटना की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान 102 लोगों को गोली लगी है, जबकि 171 लोगों को धारदार हथियार से चोट आई है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि हिंसा में गोली लगने से कितने लोगों की मौत हुई है। इससे पहले डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की थी कि हिंसा में जिन 47 लोगों की मौत हुई है, उसमे से कम से कम 9 की मौत गोली लगने से हुई है। बाकी लोगों की मौत की वजह उनकी अटॉप्सी रिपोर्ट के आने के बाद पता चलेगा।
2 दिन में 13000 कॉल
दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमे कहा गया है कि हिंसा में कम से कम 500 लोग घायल हुए हैं। गोली लगने के अलावा लोग धारदार या कुंद हथियार से जख्मी हुए हैं। अधिकतर लोग पत्थरबाजी या फिर आग की वजह से घायल हुए हैं। पुलिस कंट्रोल रुम को 21000 कॉल 22 फरवरी से 29 फरवरी के बीच मिली है। 24 और 25 फरवरी को जब सांप्रदायिक हिंसा भड़की तो उस वक्त हिंसा अपने चरम पर थी। इस दौरान 13000 कॉल पुलिस को प्राप्त हुए। इसमे से 6000 कॉल पैनिक कॉल थी, जो दंगे से संबंधित नहीं थी।
बड़ी साजिश की जांच
बता दें कि दिल्ली हिंसा की जांच के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया था। लेकिन अभी तक एसआईटी को 47 लोगों की मौत को लेकर कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। पुलिस अभी तक यह नहीं पता कर पाई है कि इन लोगों की हत्या किसने की है। इसके अलावा पुलिस यह भी पता करने में जुटी है कि आखिर हिंसा की शुरुआत कैसे हुई। पुलिस इस हिंसा के पीछे बड़ी साजिश की भी जांच कर रही है। मंगलवार को पुलिस ने मोहम्मद शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया था, जिसका वीडियो दिल्ली हिंसा के दौरान वायरल हुआ था। वीडियो में देखा जा सकता है कि शाहरुख कई राउंड गोली पुलिस पर चलाता है।
पूछताछ जारी
पुलिस के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दयालपुर पुलिस स्टेशन के इलाके से दंगा फैलाने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने कई बड़े खुलासे किए। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि जिस समय उनके पक्ष को लोगों पर हमला किया जा रहा था उस समय वह शेरपुर चौक पर मौजूद थे, जैसे ही उन्होंने हमले की खबर सुनी उसके बाद उन्होंने भी तोड़फोड़ ,पत्थरबाजी और आगजनी शुरू कर दी। इन व्हाट्सएप ग्रुप में कहा गया कि अपनी जान बचाने के लिए घरों से बाहर निकलें।
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