दिल्ली यूनिवर्सिटी ने शुरू किए 6 वोकेशनल कोर्स, बीच में छोड़कर दोबारा कर सकते हैं ज्वाइन
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों ने छात्रों के लिए छह स्किल आधारित अंडरग्रेजुएट कोर्स शुरू किए हैं। इन कोर्स की खासियत ये है कि छात्र पहला या दूसरा साल पूरा करने के बाद कोर्स से नाम वापस ले सकते हैं। यानी एक या दो साल के कोर्स के बाद छात्रों को ऑप्ट आउट करने की सुविधा दी गई है।
नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों ने छात्रों के लिए छह स्किल आधारित अंडरग्रेजुएट कोर्स शुरू किए हैं। इन कोर्स की खासियत ये है कि छात्र पहला या दूसरा साल पूरा करने के बाद कोर्स से नाम वापस ले सकते हैं। यानी एक या दो साल के कोर्स के बाद छात्रों को ऑप्ट आउट करने की सुविधा दी गई है। साथ ही छात्र कोर्स को बाद में दोबारा ज्वाइन कर अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कोर्स शुरू किए गए हैं। बैचलर ऑफ वोकेशनल डिग्री ( B Voc) प्रोग्राम के तहत छह स्किल आधारित अंडरग्रेजुएट कोर्स शुरू हुए हैं जो अभी डीयू के तीन कॉलेजों में ऑफर किए जा रहे हैं। इस कोर्स की खास बात ये है कि छात्र पहले या दूसरे कोर्स के बाद इसे बीच में ही छोड़ सकते हैं और अगर वो दोबारा ज्वाइन करना चाहते हैं, तो बाद में ज्वाइन कर अपना डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं।
ये कोर्स नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशनंस फ्रेमवर्क (NSQF) के मुताबिक यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने डेवलप किया है। जीसस एंड मैरी कॉलेज दो कोर्स ऑफर कर रहा है, जिसमें रिटेल मैनेजमेंट और आईटी, और हेल्थ केयर मैनेजमेंट है। कालिंदी कॉलेज में भी छात्र दो कोर्स के बीच चुनाव कर सकते हैं। इस कॉलेज में प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी और वेब डिजाइनिंग का कोर्स है। रामानुजन कॉलेज में छात्र बैंकिंग ऑपरेशन्स और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में से चुन सकते हैं।
कालिंदी कॉलेज के नॉडल ऑफिसर पंकज कुमार ने इस मौके पर कहा, 'पहले और दूसरे साल के बाद अगर छात्र कोर्स को बीच में छोड़ते हैं तो वो इसे पूरा करने बाद में लौट सकते हैं। इस कोर्स का मकसद छात्रों को ये सुविधा देना है कि वो पढ़ाई और काम से ब्रेक ले सकते हैं। हर कोर्स में 50 सीटे हैं।' कुमार का कहना है कि ये कोर्स इस तरह से डिजाइन किए गए हैं जिससे छात्रों को अकैडमिक के साथ-साथ इंडस्ट्री की प्रैक्टिकल अंदाजा भी मिले।
किसी भी स्ट्रीम से छात्र इन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। एडमिशन के लिए छात्रों को सेंट्रल रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा, जिसके बाद कट-ऑफ जारी की जाएगी। कट-ऑफ के आधार पर ही एडमिशन लिए जाएंगे।
ये भी पढ़ें: बच्चे स्कूलों में सुनेंगे संतों के प्रवचन, राजस्थान शिक्षा विभाग का नया 'फरमान'