दिल्ली से आगरा की यात्रा सिर्फ 90 मिनट में
बताया जा रहा है कि कि रिसर्च, डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) की निगरानी में ट्रायल की पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी। इसके लिए उत्तर तथा उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रबंधकों को खत लिखा जा चुका है। जानकारी के अनुसार ट्रायल रन की विधिवत तैयारी 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी। 1 व 2 जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रायल रन में शामिल होने वाली ट्रेन की जांच की जाएगी। इसमें लगे सभी उपकरणों की बारीकी से जांच की जाएगी।
जांच के बाद होगा ट्रेन का ट्राॅयल:
इसके
बाद
3
जुलाई
को
सुबह
9.30
बजे
से
ट्रायल
रन
शुरू
होगा।
ट्रेन
नई
दिल्ली
से
आगरा
जाने
के
बाद
उसी
दिन
शाम
छह
बजे
वापस
लौट
जाएगी।
उसके
अगले
दिन
ट्रायल
रन
में
शामिल
ट्रेन
के
सभी
कोच
की
जांच
की
जाएगी।
जिससे
यह
पता
चल
सके
कि
इस
रफ्तार
से
चलने
के
कारण
कोच
में
किसी
तरह
की
कोई
खराबी
तो
नहीं
आई
है।
ट्रायल
रन
में
12
एसी
कोच
वाली
ट्रेन
होगी।
सभी
कोच
एलएचबी
होंगे।
ट्रायल
रन
शुरू
करने
से
पहले
नई
दिल्ली
से
आगरा
के
बीच
एक
पायलट
इंजन
चलाने
की
भी
योजना
है,
जिससे
ट्रैक
पर
किसी
भी
तरह
की
गड़बड़ी
का
पता
चल
सके।
रेलवे
अधिकारियों
का
कहना:
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों बिहार के छपरा में राजधानी ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण हाई स्पीड ट्रेन चलाने में पूरी सावधानी बरती जा रही है। उनका कहना है कि दिल्ली से आगरा रेल खंड पर भी शताब्दी एक्सप्रेस 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का परीक्षण सफल रहेगा।
उल्लेखनीय है कि हाई स्पीड ट्रेन नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए दिल्ली-आगरा, दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-चंडीगढ़ रेल खंड पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना है। इन पर सफलता मिलने के बाद हाई स्पीड ट्रेन चलाने की परियोजना पर आगे काम किया जाएगा।