जेएनयू छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज, सीएए आंदोलन में भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम को जमानत नहीं मिल सकी है। शरजील ने दिल्ली के साकेतक कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी, जिसे शुक्रवार को अदालत ने खारिज कर दिया। शरजील इमाम मुस्लिम जनवरी 2020 से जेल में हैं।
कोर्ट ने बेल खारिज करते हुए कहा कि शरजील का के भाषण को पढ़ने से पता चला कि यह स्पष्ट रूप से विभाजनकारी तर्ज पर है। इसमें कई शब्द गौण भी हैं। ये भाषण शांति और सद्भाव को कमजोर करने वाला है।
क्या है पूरा मामला
सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान शरजील इमाम का एक वीडिया वायरल हुआ था। वायरल हुए वीडियो में शरजील ने कथित तौर पर कहा था कि असम के लोगों की मदद करने के लिए इस हिस्से को भारत से काटना होगा। शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान 15 दिसंबर, 2019 को यह भाषण दिया था। दिल्ली पुलिस ने भाषण से हिंसा भड़कने की बात कहते हुए शरजील को बिहार के जहानाबाद से 28 जनवरी, 2020 को गिरफ़्तार किया था। जेएनयू छात्र शरजील मूल रूप से जहानाबाद के काको के रहने वाले हैं।
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पुलिस कर चुकी है चार्जशीट
दिल्ली पुलिस बीते साल इमाम के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। उन पर अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून( यूएपीए), 124-ए (देशद्रोह), 153 (ए) (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना, समुदायों के बीच घृणा फैलाना), 153-बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान) और 505 (अफवाह फैलाना) के आरोप हैं। पुलिस का कहना है कि इस केस की जांच कर रही टीम को शरजील इमाम के बारे में पता चला कि उसने मस्जिद के आसपास वाले इलाकों में भड़काऊ पोस्टर भी बटवाएं थे, इसका पता उस वक्त चला जब पुलिस ने शरजील इमाम का लैपटॉप चेक किया।
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