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Delhi Violence को पूर्व कमिश्‍नर ने कहा लीडरशिप की नाकामी, बताया दंगाइयों से निपटने का तरीका

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नई दिल्ली। पिछले हफ्ते नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जो विरोध प्रदर्शन और दंगे राजधानी दिल्‍ली में शुरू हुए, उसमें 32 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को यहां पर थोड़ी शांति रही मगर हालातों पर दिल्‍ली पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर रहे नीरज कुमार ने नाराजगी जताई है। नीरज कुमार ने राजधानी के हालातों को हर स्‍तर पर नेतृत्‍व की असफलता करार दिया है। उन्‍होंने वेबसाइट रेडिफ.कॉम को दिए इंटरव्‍यू में साफ-साफ कहा है कि जिस तरह से दिल्‍ली पुलिस हालातों से निबट रही है, उससे वह बिल्‍कुल भी खुश नहीं हैं।

Neeraj-Kumar

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निर्भया गैंगरेप के प्रदर्शनकारियों को किया काबू में

नीरज कुमार का मानना है कि हालात अभी इतने बेकाबू नहीं हुए हैं कि सेना को बुलाना पड़ जाए। वेबसाइट के साथ बातचीत में पूर्व कमिश्‍नर नीरज कुमार ने कहा, 'हालात ऐसे नहीं हैं कि सेना बुलाई जाए। आखिरी बार दिल्‍ली में सन् 1984 में सेना बुलाई गई थी।' आपको बता दें कि नीरज कुमार का इशारा 31 अक्‍टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों की तरफ था। उन दंगों में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा था। नीरज कुमार के मुताबिक सेना को उस समय बुलाते हैं जब बड़े स्‍तर पर दंगे भड़के हो। हालात अभी इतने गंभीर नहीं हैं। नीरज कुमार जुलाई 2012 से जुलाई 2013 तक दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर थे। 16 दिसंबर 2012 को जब निर्भया गैंगरेप की वारदात के बाद राजधानी में प्रदर्शन हुए थे तो उस समय उन्‍होंने ही मार्चा संभाला था। पुलिस की तरफ से फायरिंग तक का समर्थन उन्‍होंने अपने इस इंटरव्‍यू में किया है। कुमार का माना है कि लोगों में यह संदेश जाना बहुत जरूरी है कि कोई भी नहीं बचेगा और कानून हर किसी को हिरासत में लेगा। उन्‍होंने कहा, 'कहीं से भी ऑर्ड्स आने का इंतजार मत करिए। आप जमीन पर हैं और स्थितियों से जूझ रहे हैं। दिल्‍ली पुलिस के नेतृत्‍व को अब ऑर्ड्स का इंतजार नहीं करना चाहिए।

नेतृत्‍व की कमी से बिगड़े हालात

साथ ही बाकी पुलिस जवानों में भी आत्‍मविश्‍वास पैदा करना चाहिए ताकि अगर कुछ गलत होता है तो वह जिम्‍मेदारी लें।' उन्‍होंने कहा, 'नेतृत्‍व की कमी की वजह से दिल्‍ली में पुलिस हालात को नियंत्रण में करने में अक्षम है।' उनके शब्‍दों में जिस समय अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप दिल्‍ली में थे, उसी समय हिंसा बढ़ रही थी। हालांकि उन्‍होंने इस बात पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया कि कड़ा संदेश देने या फिर हालातों से निपटने के लिए पुलिस को खुली छूट देने वाले फैसले में निर्णायक राजनीतिक नेतृत्‍व की कमी की वजह से भी दंगे भड़के। जब उनसे पूछा गया कि दिल्‍ली पुलिस किस तरह से हालातों को नियंत्रित कर सकती है तो उन्‍होंने इसका जवाब भी अपने अंदाज में दिया। नीरज कुमार ने कहा, 'पुलिस को पहली बार हिंसा होने पर ही सख्‍ती और मजबूती के साथ जवाब देना च‍ाहिए था। लेकिन उन्‍होंने हालातों को बद से बदतर होने का इंतजार किया। कोई भी एक्‍शन नहीं लिया गया और इसकी वजह से हालात बेकाबू होते गए।'

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English summary
Delhi riots: Delhi police's Former Commissioner says its a leadership failure at all levels.
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