पर दिल्ली के गुर्जर तो हैं करोड़ों-अरबोपति
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) हालांकि राजस्थान में गुर्जर अपने हकों की लड़ाई लड रहे हैं। उनकी मांगे कितनी सही हैं या गलत, इसका फैसला तो हो ही जाएगा, पर दिल्ली और एनसीआर के गुर्जर तो करोड़ों- अरबों रुपये के मालिक हैं। इनके पास बेहतरीन जगहों पर लैंड है।
अपनी पुश्तैनी जमीनों को बेचकर ये बहुत मोटा पैसा कमा चुके हैं। दिल्ली के करीब नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और दिल्ली के तमाम इलाकों के गुर्जर अरबों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं।
घूमते लक्जरी कारों में
ये लक्जरी कारों में घूमते हैं। इनके घरों को देखकर बड़े से बड़ा फिल्मी सितारा शरमा जाएगा। अगर बात दिल्ली की करें तो इधर तुगलकाबाद,बदरपुर, पटपड़गंज, छतरपुर, कस्तूरबा नगर, घोढ़ा, आदर्श नगर, करावल नगर, तिमारपुर वगैरह में गुर्जरों की करोड़ों-अरबो रुपये की संपत्ति है।
राजनीति में भी छाए
सबसे बड़ी बात ये है कि ये राजनीतिक रूप से भी बहुत मजबूत है। दिल्ली विधानसभा में कई गुर्जप विधायक हैं। इनमें आपस में बहुत भाईचारा रहता है। अगर दिल्ली से सटे इलाकों की बात करे तो गाजियाबाद, साहिबाबाद, खेखड़ा, फरीदाबाद में इनकी तूती बोलती है। नोएडा तो लगभग इनका ही रहा है।
ठोस माली हालत
गुर्जर समाज से जुड़े हुए तिलक चौधरी कहते हैं कि उनके समाज की अब इस क्षेत्र में माली हालत काफी ठोस है। सबके पास जमीनें हैं। सबने जमीनें बेचकर मोटा पैसा कमा लिया है। अब उस पैसे का बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी हो रहा है। इंवेस्टमेंट करके भी तगड़ी कमाई हो रही है।
कभी थे किसान
बात दें कि दिल्ली-एनसीआर के गुर्जर मूल रूप से किसान थे। खेती करते थे। पर वक्त बदला तो इनकी जमीनों ने इन्हें मालामाल कर दिया। फरीदाबाद भी इनका गढ़ रहा है। फरीदाबाद से कई बार सांसद रहे अवतार सिंह भड़ाना गुर्जरों के बड़े नेता है। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। पिछला चुनाव हार थे फरीदाबाद से। अब भाजपा में हैं।
तगड़ा बिरादरीवाद
गुर्जर समाज के जानकारों ने बताया कि हालांकि दिल्ली में गुर्जरों के सामने वे सवाल नहीं है, जो राजस्थान में हैं, पर वे अपने जाति के लोगों के साथ सहानुभूति रखते हैं। इनमें बिरादरीवाद का भाव बहुत रहता है।