दिल्ली चुनाव: हार की जिम्मेदारी लेकर सुभाष चोपड़ा ने दिया इस्तीफा, क्या मनोज तिवारी करेंगे रिजाइन?
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी की प्रचंड जीत के बाद बीजेपी और कांग्रेस में खलबली मच गई है। तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रही आम आदमी पार्टी की जीत ने कांग्रेस और बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी। आप की जीत का साइड इफेक्ट ऐसा हुआ कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।ऐसे में सबकी निगाहें अब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी पर टिकी है। क्या हार की जिम्मेदारी लेते हुए मनोज तिवारी अपने पद से इस्तीफा देंगे।
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वहीं पार्टी के भीतर से खबरें आ रही है कि अगले कुछ दिनों में मनोज तिवारी दिल्ली प्रदेश बीजेपी की कुर्सी छोड़ देंगे। पार्टी की करारी हार के बाद बीजेपी प्रदेश संगठन में बड़े फेरदबल की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी दिल्ली की कमान किसी नए चेहरे को सौंप सकती है। मनोज तिवारी का वैसे भी तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुका है। ऐसे में पार्टी में फेरबदल वैसे ही तय था। माना जा रहा है कि पार्टी किसी नए चेहरे को दिल्ली संगठन की कमान सौंप सकती है।
दरअसल पार्टी ने दिल्ली में पूर्वांचलियों का वोट बैंक साधने के चक्कर में मनोज तिवारी के हाथों में कमान सौंपी, लेकिन चुनावी नतीजे देखने के बाद लगा नहीं कि मनोज तिवारी इसमें सफल हो सके। वहीं मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद से ही पार्टी के भीतर स्थानीय नेताओं में नाराजगी शुरू हो गई थी। पार्टी में महज तीन साल पुराने मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से बीजेपी में अंतर्कलह की स्थिति बन गई थी। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी को उसका भी असर देखने को मिली। मनोज तिवारी के कार्यकाल में एमसीडी और लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन जरूर शानदार रहा, लेकिन इसका श्रेय उन्हें नहीं दिया जा सकता, क्योंकि लोकसभा में बीजेपी को मोदी के नाम पर वोट मिले तो वहीं एमसीडी बीजेपी का गढ़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष की काबिलियत विधानसभ चुनाव में दिखती है, जिसमें मनोज तिवारी फेल रहे। अब देखना होगा कि मनोज तिवारी पर बीजेपी का फैसला लेती है।