रक्षा मंत्रालय ने कहा- असुरक्षित नहीं होगा अग्निवीरों का भविष्य, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से ली गई सलाह
नई दिल्ली, 16 जून: हाल ही में केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया, जिसके तहत चार साल के लिए युवक सेना में रखे जाएंगे। इसको लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस पर गुरुवार को सरकार ने सफाई दी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत काम करने वाले अग्निवीरों का भविष्य असुरक्षित नहीं है। चार साल की सेवा के बाद उनके लिए कई बेहतरीन रास्ते खुलेंगे। वो चाहें तो पढ़ाई कर सकते हैं या फिर वो उद्यमी बन सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ये योजना अचानक से नहीं शुरू की गई। इसके लिए पिछले दो साल से सशस्त्र बलों के अधिकारियों से विचार विमर्श किया गया। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस योजना का समर्थन किया है। रिटायरमेंट के बाद जो अग्निवीर उद्यमी बनना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय पैकेज और बैंक से लोग उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा अग्निवीरों को 12वीं कक्षा के समकक्ष का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
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अधिकारियों के मुताबिक अगर कोई अग्निवीर नौकरी करना चाहता है, तो उसे सीएपीएफ और राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ एक मिथक है कि अग्निपथ योजना के परिणामस्वरूप युवाओं के लिए अवसर कम हो जाएंगे। आने वाले वर्षों में अग्निपथ की भर्ती सशस्त्र बलों में मौजूदा भर्ती की लगभग तिगुनी होगी।
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वहीं ये योजना वर्तमान रेजिमेंटल प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं लाएगी। मामले में अधिकारी ने कहा कि वास्तव में इसे और तेज किया जाएगा क्योंकि सर्वश्रेष्ठ अग्निवीरों का चयन होगा, जिससे यूनिट की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा। इस तरह की भर्ती प्रणाली कई देशों में मौजूद है। ऐसे में ये सोचना गलत है कि 21 साल के युवक अपरिपक्क होते हैं। अधिकारियों के मुताबिक किसी भी समय अनुभवी लोगों की तुलना में अधिक युवा नहीं होंगे। वर्तमान योजना केवल 50% -50% का बैंलेस बराबर करेगी।