सवर्ण लड़की को दलित लड़के से हुआ प्यार, तोड़फोड़ के 18 आरोपी यमुनानगर से गिरफ्तार
वारदात यमुनानगर जिले के करहरा गांव में हुई। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 साल के बुजुर्ग सतपाल ने अपने घर की खिड़की का टूटा शीशा दिखाते हुए कहा, 'यह तो बस एक लड़का-लड़की का मसला था। इसमें हमारी क्या गलती थी?
नई दिल्ली। हरियाणा के यमुनानगर में सवर्ण जाति की एक लड़की के कथित तौर पर एक अनूसूचित जाति के लड़के के साथ भागने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि शनिवार शाम दलितों के घर पर तोड़-फोड़ की गई। इस मामले में 30 लोगों को आरोपी बनाया गया है। रविवार को हरियाणा पुलिस ने इस मामले में 18 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें से अधिकतर राजपूत समुदाय से हैं। गिरफ्तार आरोपियों में ज्यादातर गांव से बाहर के युवक हैं। इसमें दिल्ली, यूपी व हरियाणा के अन्य जिलों के हैं। वहीं हमले के आरोपियों में दो दलित हैं।
पुलिस ने किया ये दावा
पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने योजना के तहत दलितों के घरों पर हमला किया था। वहीं आरोपियों का कहना है कि उन्होंने न तो हमला किया था और न ही वे इसमें शामिल थे। वे तो महाराणा प्रताप की जयंती के कार्यक्रम का प्रचार करने एरिया में आए थे। पुलिस ने उन्हें गलत फंसाया है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी निर्दोष को नहीं फंसाया गया है। पीडि़तों की शिनाख्त पर ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
वारदात यमुनानगर जिले के करहरा गांव में हुई। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 80 साल के बुजुर्ग सतपाल ने अपने घर की खिड़की का टूटा शीशा दिखाते हुए कहा, 'यह तो बस एक लड़का-लड़की का मसला था। इसमें हमारी क्या गलती थी? हमारे घर क्यों तोड़ दिए गए?' पुलिस ने आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, गांव में तनाव के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। उधर, सोमवार को ही इस मसले को हल करने के लिए दोनों समुदाय के लोगों को बुलाकर पंचायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
दलितों को डराने की कोशिश
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 'गांव के दलितों को डराने के लिए यह किया गया। आरोपी दलितों के घर गए और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।' गांव के पूर्व सरपंच श्याम सिंह भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने अनुसूचित जाति के सभी लोगों के घरों में तोड़-फोड़ की। इलाके में ऐसे करीब 250 घर हैं। दोनों समुदाय के तनाव की वजह एक 19 साल की सवर्ण लड़की का कथित तौर पर एक 21 वर्षीय युवक के साथ भाग जाना है। लड़की एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है, जबकि लड़का स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ चुका है। लड़की और लड़के के घर नजदीक में ही हैं। कथित तौर पर दोनों के भाग जाने के दो दिन बाद लड़की के घरवालों ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया। बताया जा रहा है कि लड़के और लड़की के शादी करने की अटकलों के बाद दलितों के घर को निशाना बनाया गया।
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