Kangana Ranaut: सुरक्षा में तैनात जवान का कार का गेट खोलना कितना जरूरी ? डीजी CRPF ने बताया
नई दिल्ली। बॉलीवुड सेलिब्रिटी हो तो लोग उनके बारे में चर्चा करते ही रहते हैं। कभी उनके काम की होती है तो कभी ड्रेसिंग सेंस की और कभी स्टाइल की। कंगना रनौत भी सेलिब्रिटी हैं लेकिन और चर्चा में भी रहती हैं। लेकिन कंगना का नाम चर्चा में दूसरी सेलिब्रिटी की तरह नहीं बल्कि अलग ही तरीके से रहता है। इस बार कंगना चर्चा में एक सीआरपीएफ जवान को लेकर चर्चा में हैं। ये जवान उनकी सिक्योरिटी में तैनात है।

कंगना का गेट खोलते जवान का वीडियो आया था सामने
कंगना रनौत की सुरक्षा में तैनात जवान के गेट खोलने को लेकर सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) का बयान आया है। जिसमें उन्होंने बताया कि जवानों के लिए गेट खोलना जरूरी है या नहीं ? फिलहाल डीजी ने जो कहा है उस पर भी चर्चा करेंगे लेकिन पहले पूरा मामला समझ लेते हैं।
दरअसल पिछले सप्ताह की शुरुआत में कंगना रनौत का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें कंगना रनौत के गेट का दरवाजा एक सीआरपीएफ का जवान खोलते हुए नजर आ रहा था। वीडियो के बारे में कहा गया था कि कंगना जिम से बाहर आई थीं इस दौरान सुरक्षा में तैनात जवान ने उनकी गाड़ी का दरवाजा खोला और कंगना गाड़ी में बैठकर निकल गईं।

वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर दो फाड़
कंगना रनौत को वाई श्रेणी सुरक्षा मिली हुई है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार के साथ हुए विवाद के बाद उनको दी थी। अब कंगना खुद को देशभक्त कहने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। ऐसे में जवान से गाड़ी का गेट खुलवाने को वीडियो सामने आया तो लोगों ने कंगना की देशभक्ति पर ही सवाल उठा दिए।
कंगना के इसी वीडियो को लेकर सोशल मीडिया में दो फाड़ हो गया था। एक वर्ग के लोगों ने कहा कि कंगना ने जवान से गेट खुलवाकर जवानों का अपमान किया है। कुछ तो ये भी कह दिया कि कंगना ने देश के जवान को स्पॉट बॉय बना दिया।
एक यूजर ने तो लिख दिया कि कंगना के लिए जवान का गेट खोलना देश का अपमान है। इसके लिए कंगना को शर्म आनी चाहिए।
हालांकि कुछ यूजर इसके समर्थन में भी रहे और इसे सामान्य शिष्टाचार बताया। एक ने इसे सामान्य शिष्टाचार बताते हुए जानबूझकर मामला बढ़ाने को कहा।

सीआरपीएफ डीजी ने कही ये बात
खैर ज्यादा बात में न जाते हुए आज की घटना पर आते हैं। मामले के सोशल मीडिया पर बढ़ने पर सीआरपीएफ के डीजी ने अब इस पर बयान दिया। उन्होंने कहा "मैं इस बारे में जानकारी प्राप्त कर रहा हूं लेकिन दरवाजा खोलने के पीछे मकसद ये होता है कि वीआईपी के लिए बाहर निकलना कब सही है। यह वीआईपी की सुरक्षा का हिस्सा है। यह शिष्टाचार से बाहर किया जाता है, अनिवार्य नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।"
तो अगर डीजी साहब की बात को देखें तो यही समझ में आ रहा है कि अगर जवान कार का गेट न खोले तो उसमें नियमतः कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन साथ ही डीजी साहब ये भी बता रहे हैं कि जवान का मुख्य काम सुरक्षा करना ही है और इसके तहत अब ऐसा करना जरूरी हो तो ये सही भी है। वैसे अब कंगना वाले मामले में तो डीजी साहब की बता सकते हैं कि गेट खोलना जरूरी था या नहीं।
वैसे खुद को पूर्व सैनिक बताने वाले एक यूजर ने इसी पर सोशल मीडिया पर लिखा "मैने 40 साल महिला के लिए दरवाजा खोला है यहां तक कि जब वर्दी में था। यहां विवाद इसलिए है क्योंकि इसमें कंगना, राजनीति, मीडिया, सोशल मीडिया और नफरत शामिल है। एक जेंटलमैन व्यवहार को जहर बना दिया गया।"
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