मछली पकड़ने नदी में गए युवक के Fish Hook में फंस गया मगरमच्छ, जानें फिर क्या हुआ
मछली पकड़ने नदी में गए युवक के कांटे में फंस गया मगरमच्छ, जानें फिर क्या हुआ
नई दिल्ली। अगर आप भी फिसिंग का शौक रखते हैं तो आपको अगली बार मछली पकड़ते समय बहुत सावधान रखने की जरुरत है। वैसे तो मछली पकड़ते समय कांटे में कई बार मछली की जगह कुछ और फंस जाता है लेकिन कभी आप ने ये नहीं सोचा होगा कि मछली के बजाय अगर एक विशालकाय मगरमच्छ उसमें फस जाए तो आपका क्या ? ऐसा ही एक वायका उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में प्रकाश में आया है। जानिए मछली पकड़ते समय कांटे में मगरमच्छ फंसने के बाद क्या हुआ?
मछली के बजाए जब कांटे में फंस गया मगरमच्छ
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में ये वाकया वहां मछली पकड़ने गए ये युवक के साथ हुआ। वो वहां नदी के पास मछली पकड़ने गया और उसके कांटे में मछली के बजाए बड़ा सा मगरमच्छ फंस गया। उसे लगा उसके जाल में बड़ी मछली फंसी है और खुशहो गया लेकिन बाद में जब पता चला कि मछली नहीं मगरमच्छ है तो उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।
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युवक के Fish Hook में फंस गया मगरमच्छ, जानें फिर क्या हुआ
'हिन्दुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नदी के नजदीक के लोगों को पता चला कि कांटे में मगरमच्छ फंसा हुआ है तो वहां अफरा-तफरी मच गई। पहले तो लोग उसे देखने के लिए इकट्ठा हुए इसके बाद रेस्क्यू टीम को बुलाया गया । सूचना मिलते ही वन्यजीव और उत्तर प्रदेश वन विभाग के कर्मियों की टीम वहां पहुंची। टीम ने उसका मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू किया। घायल मगरमच्छ को आगरा के वाइल्ड लाइफ एसओएस अस्पताल लाया गया, जहां उसका एक्सरे किया गया. एक्सरे में उसके जबड़े में करीब तीन सेंटीमीटर लंबा हुक फंसा दिखाई दिया।
तुरंत बुलाई गई वन विभाग की रेस्क्यू टीम
वन्यजीव एसओएस के उप निदेशक (पशु चिकित्सा सेवाएं) इलया राजा ने कहा कि मगरमच्छ दर्द में था और यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती थी। इसलिए हमें ऑपरेशन के बाद देखभाल और लेजर थेरेपी द्वारा हुक को हटाना पड़ा। डाक्टरों की टीम मगरमच्छ को बचाने में सफल रही. इसके बाद उसे पास की ही चंबल नदी में छोड़ दिया गया। वन्यजीव एसओएस के सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि बचाव चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि रात का समय था और उन्हें बड़े मगरमच्छ को बचाने के लिए जाल के बजाय सुरक्षा जाल का उपयोग करना पड़ा। "हम इस तरह के एक सहज बचाव में मदद करने के लिए उत्तर प्रदेश वन विभाग के बहुत आभारी हैं।"
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मगरमच्छ आमतौर पर फ्रेशवेटर्स में पाए जाते हैं
क्षेत्रीय वन अधिकारी तुलसीराम डोहरे ने कहा, "हम इस तरह के संवेदनशील बचाव और रिहाई मिशन के संचालन में विशेषज्ञ सहायता के लिए वन्यजीव एसओएस टीम के आभारी हैं। मगरमच्छ आमतौर पर फ्रेशवेटर्स में पाए जाते हैं और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर रेड लिस्ट में असुरक्षित हैं और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं।