चुनाव आयोग ने लिया बड़ा फैसला, सीनियर सिटीजन और कोरोना संक्रमित कर सकेंगे पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) के इस्तेमाल की अनुमति दी है। इसके साथ-साथ कोरोना पॉजिटिव मरीज भी पोस्टल बैलट का इस्तेमाल कर सकते हैं। माना जा रहा है कि ये फैसला बिहार चुनावों को देखते हुए लिया गया है।
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देश में हर रोज हजारों की संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं।कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चुनावों में पोस्टल बैलेट के लिए मतदाताओं की आयु सीमा कम कर दी गयी है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को भी मुश्किल समय में वोटिंग राइट दिया जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस के मामलों के बीच अब बिहार ऐसा पहला राज्य होगा, जहां विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में बिहार के मतदाता संशोधित नियमों से सबसे पहले लाभान्वित होंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले पोस्टल बैलेट का अधिकार 80 वर्ष तक के बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को प्राप्त था। इसके अलावा मौजूदा व्यवस्था में सेना, अर्ध सैनिक बलों के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों व निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मतपत्र से वोट देने का अधिकार प्राप्त है। अक्टूबर 2019 में हुए संशोधन के तहत दिव्यांगों और 80 साल या इससे ज्यादा की उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पोस्टल बैलेट से वोट करने की इजाजत दी थी।
अब मंत्रालय ने 19 जून को फिर संशोधन किया है और 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों को पोस्टल बैलेट से वोट करने की अनुमति दी है। बता दें कि, पोस्टल बैलेट का प्रयोग करने वाले वोटर्स में डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत सैन्य बलों के लगभग 10 लाख, होम मिनिस्ट्री के अधीन पैरा मिलिट्री फोर्स के 7.82 लाख और विदेशों में कार्यरत विदेश मंत्रालय के 3539 वोटर्स लिस्टेड हैं।
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