WHO को नहीं सौंपी गई है कोवैक्सिन फेज-3 ट्रायल की रिपोर्ट, भारत बायोटेक ने ये बताया
हैदराबाद, 17 जून: भारत बायोटेक ने उन खबरों का खंडन कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि उसने कोवैक्सिन की फेज-3 ट्रायल की रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को सौंप दी है। पहले की खबरों में यह कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कंपनी की रिपोर्ट की 23 जून को समीक्षा करेगा। गौरतलब है कि कोवैक्सिन को अभी डब्ल्यूएचओ ने अपनी लिस्ट में कोरोना वायरस वैक्सीन के तौर पर शामिल नहीं किया है। इसकी वजह से पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले कई भारतीय स्टूडेंट (जिन्होंने कोवैक्सिन का टीका लगाया है) भी असमंजस में बताए जा रहे हैं।
'विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
को
नहीं
सौंपी
है
फेज-3
ट्रायल
की
रिपोर्ट'
न्यूज
एजेंसी
एएनआई
ने
गुरुवार
को
हैदराबाद
स्थित
कंपनी
भारत
बायोटेक
के
हवाले
से
बताया
है
कि
उसने
कोवैक्सिन
की
फेज-3
ट्रायल
की
रिपोर्ट
डब्ल्यूएचओ
को
सौंपने
से
इनकार
किया
है।
बता
दें
कि
इसी
कंपनी
ने
एकमात्र
स्वदेशी
वैक्सीन
कोवैक्सिन
विकसित
की
है,
जिसे
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
से
मंजूरी
मिलने
की
प्रक्रिया
लंबित
है।
अब
कंपनी
की
ओर
से
कहा
गया
है,
'भारत
बायोटेक
ने
फेज-3
डेटा
डब्ल्यूएचओ
को
सौंप
दिया
है,
यह
न्यूज
रिपोर्ट
गलत
और
सबूतों
पर
आधारित
नहीं
है।'
कोवैक्सिन
उन
तीन
वैक्सीन
में
शामिल
है,
जो
देश
में
जारी
दुनिया
के
सबसे
विशाल
कोविड
टीकाकरण
अभियान
के
तहत
लगाई
जा
रही
है।
भारत
में
तीन
वैक्सीन
को
मिली
है
मंजूरी
इसके
अलावा
पुणे
स्थित
भारतीय
कंपनी
सीरम
इंस्टीट्यूट
ऑफ
इंडिया
कोविशील्ड
बना
रही
है,
जिसे
ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी
और
ऐस्ट्राजेनेका
ने
विकसित
की
है।
साथ
ही
रूसी
वैक्सीन
स्पूतनिक
वी
को
भी
इमरजेंसी
इस्तेमाल
की
मंजूरी
मिली
हुई
है।
इसे
अप्रैल
में
मंजूरी
मिली
है,
जबकि
कोविशील्ड
और
कोवैक्सिन
दोनों
को
जनवरी
में
ही
ड्रग्स
कंट्रोलर
जनरल
ऑफ
इंडिया
से
मंजूरी
मिली
थी
और
16
जनवरी
से
ही
ये
दोनों
वैक्सीन
लगाई
जा
रही
हैं।
फेज-3
ट्रायल
के
डेटा
को
लेकर
उठते
रहे
हैं
सवाल
बता
दें
कि
कोवैक्सिन
की
फेज-3
ट्रायल
का
डेटा
शुरू
से
ही
सवालों
के
घेरे
में
रहा
है
और
अपनी
देश
में
विकसित
इस
कारगर
वैक्सीन
को
लेकर
खूब
राजनीति
भी
होती
रही
है।
वैसे
भारत
बायोटेक
ने
अंतरिम
विश्लेषण
में
पाया
है
कि
यह
वैक्सीन
लक्षण
वाली
कोविड-19
बीमारी
के
खिलाफ
78%
प्रभावी
है,
जबकि
गंभीर
बीमारी
के
खिलाफ
100%
कारगर
है।
हाल
ही
में
क्लिनिकल
ट्रायल
के
पूरे
डेटा
के
अभाव
में
अमेरिका
में
एफडीए
ने
इमरजेंसी
इस्तेमाल
के
लिए
इसका
आवेदन
ठुकरा
दिया
था।
हालांकि,
कंपनी
पहले
ही
कह
चुकी
है
कि
वह
जल्द
ही
तीसरे
फेज
के
क्लिनिकल
ट्रायल
का
डेटा
पेश
कर
देगी।