भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर का कितना खतरा? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: भारत को 2020 में कोरोना की पहली लहर और इस साल दूसरी लहर का सामना करना पड़ा है। लाखों जानें लेने वाली दूसरी लहर अब तकरीबन खत्म हो चुकी है तो तीसरी लहर को लेकर लोगों में चिंताए हैं। दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना की तीसरी लहर आई है, ऐसे में भारत में भी इसके खतरे हैं। इन दिनों देश में एक के बाद एक कई त्योहार हैं, ऐसे में ये सवाल भी पूछा जा रहा है कि कहीं ये तीसरी लहर की वजह तो नहीं बन जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर उठ रहे सवालों के एक्सपर्ट ने जवाब दिए हैं।
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तीसरी लहर का खतरा बहुत कम
देश के जानेमाने वायरोलॉजिस्ट और हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर शाहिद जमील ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि कहा जिस तरह का नुकसान देश में दूसरी लहर में हुआ, वैसी गुंजाइश अब नहीं दिखती है। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वैरियंट ही अगर आता है तो अक अलग बात है नहीं तो अब दूसरे वेव जैसी नई वेव की कोई आशंका नहीं है।
नया वैरिएंट सामने नहीं आता तो खतरा नहीं
शाहिद जमील ने तीसरी लहर के सवाल पर कहा, जब तक भारत में कोरोना का नया वैरिएंट सामने नहीं आता और वैक्सीन से जो प्रतिरक्षा बनी है, उसको चुनौती नहीं देता, तब तक भारत में तीसरी लहर की आशंका तकरीबन नहीं है। तीसरी लहर आ सकती है लेकिन इसका असर कम ही होगा।
उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना केस कम हो रहे हैं लेकिन मैं आश्वस्त नहीं हूं कि हम बीमारी की लोकल स्टेज में हैं। हमें अभी कुछ और दूरी तय करनी बाकी है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन से पहले कोरोना केस कम हो रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम एहतियात बरतना बंद कर दें। त्योहारों के दौरान सावधानी काफी जरूरी है।
टीकाकरण को और बढ़ाने की जरूरत
वैक्सीनेशन को लेकर विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील ने कहा कि देश में 100 करोड़ टीके लगना बड़ी उपलब्धि है लेकिन यहां भी हमें मुतमईन होकर नहीं बैठना है कि अब सब ठीक है। हम इस उपलब्धि (100 करोड़) को मना रहे हैं, लेकिन अब भी कुछ दूरी तय करनी बाकी है। देश में मृत्यु दर अभी भी करीब 1.2 फीसदी पर बनी हुई है। इससे पता चलता है कि टीकाकरण को और तेजी से बढ़ाए जाने की जरूरत है।
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