मध्य प्रदेश में अब पूरी होगी ऑक्सीजन की डिमांड, दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदेगी सरकार
भोपाल। पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया है। मरीजों की संख्या में रिकॉडतोड़ बढ़ोतरी हो रही है। क्या महाराष्ट्र, क्या मध्य प्रदेश, क्या छत्तीसगढ़ और क्या दिल्ली, कोरोना के 'क्रूरता' से हर राज्य मुश्किल में हैं। बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो यहां भी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके चलते अब सूबे में ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी है। इसी को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन खरीदने जा रही है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा से ऑक्सीजन खींचकर मरीज को ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है।
आपको बता दें कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की लागत प्रति मशीन 30 से 35 हजार आती है। इसके हिसाब से 2000 मशीन खरीदने पर करीब 6 करोड़ रु खर्च होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर ये मशीन प्रदेश को मिल जाएंगी। 'ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन से प्रति मिनट 1 से 6 लीटर तक मेडिकल ऑक्सीजन बनाने और जारी करने की क्षमता होती है। यह मशीन हवा से सीधे ऑक्सीजन खींचकर मरीज को देती है। वहीं बेड की कमी को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्राइवेट अस्पतालों से बात की है।
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उन्होंने कहा कि वो खाली पड़ी बिल्डिंगों को अस्थाई अस्पताल में बदलने के लिए तैयार है और प्राइवेट अस्पताल अपने उपकरण लेकर इलाज शुरू करें। वहीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर शिवराज सिंह ने कहा कि हम बच्चों को खतरे में नहीं डालेंगे। इससे जाहिर होता है कि बोर्ड परीक्षाओं को टाला जा सकता है। आपको बता दें कि कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना पूरा मंत्रीमंडल इसे रोकने के काम पर लगा दिया है। सीएम शिवराज ने मंत्रियों को तत्काल प्रभाव से काम पर लग जाने का निर्देश दिया है। ये मंत्री जिलों में कोरोना नियंत्रण संबंधी इंतजाम, संसाधन, समन्वय को लेकर बैइक करेंगे। इसके साथ ही वो कोरोना केयर सेंटर बनाने की रूपरेखा, ऑक्सीजन, बेड बढ़ाने और दवा की जरूरत पूरी करने की जिम्मदारी संभालेंगे।