बीते दो हफ्ते में 43 फीसदी बढ़े कोरोना के नए मामले, संक्रमण से मौतों में 37% की वृद्धि: स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के कुछ राज्यों में बीते 15 दिनों में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ा है, उसको देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया है कि कोरोना के नए मामले आने का सबसे निचला बिंदु 9 फरवरी था। वहीं अब हर हफ्ते कोरोना के नए मामलों में करीब 43 फीसदी और नई मौकों में सप्ताह-दर-सप्ताह 37 फीसदी की वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया है कि 16 राज्यों के 70 जिलों में पिछले 15 दिनों में कोरोना मामलों में 150 फीसदी की वृद्धि हुई है।

महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने बताया है कि देश में कोरोना के कुल एक्टिव मामलों में से 60 फीसदी महाराष्ट्र से हैं। उन्होंने कहा कि 1 मार्च को महाराष्ट्र का पॉजिटिव रेट लगभग 11 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 16 फीसदी से ज़्यादा हो गया है। ये चिंता की बात है जिस तेजी से यहां मामले बढ़ रहे उतने टेस्ट नहीं हो रहे हैं तो यहां टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। पंजाब को लेकर उन्होंने बताया कि पंजाब की पॉजिटिविटी रेट 3.4% थी जो अब बढ़कर 6.8% हो गई है। ये चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भी बीते 24 घंटे में 400 से ज्यादा नए केस आए हैं।
राजेश भूषण ने बताया है कि 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटों में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है और रिकवरी रेट 96.56 फीसदी है। कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद सक्रिय मामले देश में कुल मामलों के दो प्रतिशत हैं और मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम है। पूरे देश में क्युमुलेटिव पॉजिटिव रेट भी 5 प्रतिशत से कम हो गई है।
कोरोना वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में अब तक 3.51 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। अभी तक जो टीके लगे हैं, उसमें 1 करोड़ 38 लाख 60 साल से ऊपर के लोगों और बाकी 45से 59 साल की उम्र के लोगों को दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कोरोना वैक्सीन व्यर्थ होने पर चिंता जताने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में वैक्सीन वेस्टेज का औसत 6.5% है। ये तेलंगाना में सबसे ज्यादा 17.6%, आंध्र प्रदेश में 11.6 %, यूपी में 9%, कर्नाटक में 6 से अधिक है और जम्मू कश्मीर में 6.6% वैक्सीन वेस्टेज है।