कोरोना वायरस: क्या केरल ने संक्रमण को पूरी तरह से काबू में कर लिया?
देश में जब लॉकडाउन ख़त्म हुआ, तब तक केरल में कोविड-19 संक्रमण से सिर्फ़ तीन मौतें हुई थीं लेकिन अब भी ये आँकड़ा 25 तक ही पहुंचा है.
केरल भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो कोरोना वायरस के 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन से महज एक या दो क़दम दूर है’.
राज्य ने अपने यहां महामारी क़ानून (एपिडेमिक डिज़ीज़ एक्ट) भी जुलाई, 2021 तक के लिए लागू कर दिया क्योंकि प्रशासन को आशंका है कि कोरोना वायरस की समस्या इतनी जल्दी नहीं टलेगी.
Triple lockdown (more restrictions) to remain in force in Thiruvananthapuram Corporation area from 6 am tomorrow for a week: Kerala Chief Minister's Office
— ANI (@ANI) July 5, 2020
वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए हालिया क़दम के तहत केरल सरकार ने राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक हफ़्ते के लिए एक बार फिर लॉकडाउन का ऐलान किया है.
यह लॉकडाउन सोमवार सुबह छह बजे से प्रभाव में आ जाएगा.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बीबीसी हिंदी से बताया, “हम अभी ये नहीं कह सकते कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. लेकिन हम इसके काफ़ी करीब हैं. हमें ऐसे कुछ मामलों का पता चला है जहां संक्रमित लोगों ने न तो कहीं यात्रा की थी और न ही किसी के संपर्क में आए थे. ऐसे दो-तीन मामले रोज़ाना हमारे सामने आ रहे हैं.”
तेज़ी से कोरोना पॉज़िटिव हो रहे हैं लोग
इंडियन मेडिकल असोसिएशन (केरल चैप्टर) के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर एन. सुल्फ़ी ने बीबीसी को बताया, “पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई डॉक्टर कोरोना वायरस पॉज़िटिव पाए गए हैं जो नॉन-कोविड मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं. कोरोना के 80-85 फ़ीसदी मरीज़ों में से 30-35 फ़ीसदी में किसी भी तरह के लक्षण नज़र नहीं आते. ये एक जटिल स्थिति है. कम्युनिस्टी स्प्रेड की काफ़ी आशंका है क्योंकि इन दिनों बड़ी संख्या में लोग कोरोना पॉज़िटिव हो रहे हैं.”
इससे पहले राज्य सरकार ने 27 मार्च को केरल एपिडेमिक डिज़ीज़ ऑर्डिनेंस (केरल महामारी अध्यादेश) को छह महीने के लिए बढ़ाते हुए एक बयान जारी किया था.
इस बयान में कहा गया था, “इन दिनों कोविड-19 के मामले तेज़ी से दर्ज किए जा रहे हैं और कुछ मामलों में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पा रहा है.”
अब इस क़ानून को जुलाई, 2021 तक के लिए लागू कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने कहा कि एपिमेडिक क़ानून को बढ़ाने की ज़रूरत इसलिए महसूस हुई क्योंकि 'हमें आशंका है कि कोरोना वायरस अगस्त या सितंबर में ख़त्म नहीं होगा.”
राष्ट्रीय लॉकडाउन हटने के बाद से केरल में चार लाख 10 हज़ार से ज़्यादा लोग विदेशों से वापस लौटे हैं. इसके अलावा लगभग दो लाख लोग दूसरे राज्यों से भी केरल में आए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “इनमें से कम से कम 5,000 लोग कोविड-19 पॉज़िटिव निकले हैं. ज़्यादातर कोरोना पॉज़िटिव लोग वो हैं जो विदेशों से या दूसरे राज्यों से आए हैं. अब सिर्फ़ 10-12 मामले ऐसे बचे हैं जिनमें संक्रमण के स्रोत का पता लगाना बाकी है.”
Kerala recorded 225 new COVID-19 cases today, taking active cases to 2,228. A total of 3,174 patients have recovered from the disease so far: State Health Minister KK Shailaja (file photo) pic.twitter.com/j8jZugCs5N
— ANI (@ANI) July 5, 2020
राज्य में हॉटस्पॉट की संख्या भी बढ़ी
रविवार को लगातार तीसरे दिन केरल में 200 से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 117 लोग ऐसे थे जो सऊदी अरब जैसे खाड़ी देशों या रूस से वापस आए थे.
वहीं, 57 लोग ऐसे थो जो कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा से वापस आए थे. बढ़ते मामलों के साथ राज्य में 23 नए हॉटस्पॉट भी जुड़ गए हैं. अब केरल में कुल 153 हॉटस्पॉट हैं.
स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने कहा, “एक अच्छी चीज़ ये है कि अब संपर्क में आकर संक्रमित होने की दर कम हो रही है. पहले चरण में यह 33 प्रतिशत था. फिर मई में बड़ी संख्या में लोग बाहर आए और कोरोना पॉज़िटिव लोग बढ़े. अब पॉज़िटिव लोगों के संपर्क में आकर संक्रमित होने वालों का औसत 11 प्रतिशत है, जो एक अच्छा संकेत है.”
हालांकि इस बीच तिरुवनंतपुरम में दो क्लस्टर भी बने. यहां एक गोदाम और एक बाज़ार को वायरस फैलने के डर से बंद करना पड़ा है. केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की सीमाएं तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले से लगती हैं.
शैलजा कहती हैं, “केरल ने स्थानीय संक्रमण और मृत्यु दर पर लगाम लगाई है लेकिन हम उम्मीद जताते हैं कि तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बेहतर नतीजे आएं वरना लोग वहां से यहां आते-जाते रहेंगे.”
उन्होंने कहा कि केरल में होम क्वारंटीन के कड़े नियमों का पालन किया जा रहा है और वार्ड स्तर की समितियां लोगों पर कड़ी निगाह रख रखी हैं. राज्य में पुलिस भी काफ़ी सख़्ती से अपना काम कर रही है.
शैलजा कहती हैं, “मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की पहल के बाद वॉलंटियर्स अब उन सभी घरों का दौरा कर रहे हैं जो क्वारंटीन में हैं. इन सभी तरीकों पर अमल करके हम कम्युनिटी स्प्रेड को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या केरल 'ओवररिएक्ट' कर रहा है?
देश में जब लॉकडाउन ख़त्म हुआ, तब तक केरल में कोविड-19 संक्रमण से सिर्फ़ तीन मौतें हुई थीं लेकिन अब ये आँकड़ा 25 तक पहुंच गया है.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक़ इनमें से एक-दो के अवाला बाकी मौतें उन लोगों की हुईं जो पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. उन्होंने कहा, “कई लोग ऐसे भी थे जिनकी विदेशों से यहां आने के एक-दो दिन बाद ही मौत हो गई.”
उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग एक प्रतिशत कोविड पॉज़िटिव लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण के स्रोत पता नहीं चल पा रहा है, जबकि देश भर में ऐसे 14 फ़ीसदी पॉज़िटिव लोग हैं.
क्या केरल कोरोना संक्रमण को लेकर ज़रूरत से ज़्यादा सतर्कता बरत रहा है? क्या राज्य 'ओवररिएक्ट’ कर रहा है?
इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री कहती हैं, “केरल हमेशा ओवररिएक्ट करता है. हम ओवररिएक्ट करना चाहते हैं, वरना हम वायरस पर काबू नहीं पा सकेंगे. संक्रमण के पहले चरण से लेकर अब तक, हमने शुरू से ही अतिरिक्त सतर्कता बरती है. कोरोना वायरस से लड़ने का एकमात्र यही तरीका है.”
उन्होंने कहा, “हमें सबसे बुरी हालत का सामना करने के लिए, सबसे बुरी स्थिति की कल्पना करना होगा और सबसे बुरी स्थिति के मुताबिक़ तैयारियां करनी होंगी. हमें सबसे अच्छे नतीजों के लिए काम करना होगा.”