क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दिल्ली: एक के ऊपर एक रखे जा रहे शव, श्मशान पहुंच रहीं क्षमता से अधिक लाशें

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। कोरोना ने पूरे देश को बेहाल कर दिया है। संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बात अगर राजधानी दिल्‍ली की करें तो यहां अबतक 15257 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 303 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्‍ली के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल लोकनायक अस्‍पताल के पोस्‍टमार्टम हाउस में 108 लाशें रखी हुई हैं। हालत इस कदर खराब है कि शवगृह में 28 शवों को फर्श पर एक के उपर एक रखा गया है क्‍योंकि लाशों को रखने के लिए बनाए गए 80 रैक पहले से भरे हुए हैं। इस बात की जानकारी खुद पोस्‍टमार्टम हाउस के एक अधिकारी ने दी है।

Recommended Video

Delhi: COVID-19 पीड़ितों के शवों का ढेर, श्मशान घाट में CNG शवदाह गृह भी पड़े खराब | वनइंडिया हिंदी
दिल्‍ली के श्‍मशान घाट में खराब हैं CNG शवदाह गृह, लाशों को वापस भेजा जा रहा अस्‍पताल, एक के उपर एक पड़े हैं शव

अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्‍तान टाइम्‍स में छपी खबर के मुताबिक मंगलवार को दिल्‍ली के निगमबोध श्‍मशान घाट से 8 शवों को वापस अस्‍प्‍ताल लौटा दिया गया क्‍योंकि वहां और शवों के संस्‍कार के प्रयाप्‍त उपाय नहीं थे। आपको बता दें कि निगमबोध घाट पर अंतिम संस्‍कार के लिए 6 सीएनजी भट्टियां हैं जिनमें से सिर्फ 2 ही काम कर रही हैं।

उल्‍लेखनीय है कि लोकनायक अस्‍पताल दिल्‍ली का सबसे बड़ा कोरोना अस्‍पताल है। इसके पोस्‍टमार्टम हाउस में सिर्फ उन लोगों के शव रखे गए हैं जिनकी मौत कोरोना वायरस से हुई है या वायरस संक्रमण की आशंका है। शवों को पीपीई किट में लपेट कर रखा गया है। जो कर्मचारी यहां ड्यूटी पर लगे हैं वो भी पीपीई किट पहनकर ही काम कर रहे हैं।

नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि हम 5 दिन पहले मरने वालों के शव का अंतिम संस्‍कार कर रहे हैं। हर दिन ऐसे मामलों का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। पीपीई किट पहने हम श्‍मशान के बाहर इस तेज धूप वाली गर्मी में खड़े रहते हैं। हम शाम को ही बता पाने में सक्षम होते हैं कि और वो शवों को ले सकते हैं या नहीं। उन्‍होंने बताया कि पोस्‍टमार्टम हाउस में आज 28 लाशें एक के उपर एक रखी हुई हैं। पिछले हफ्ते वहां 34 लाशें थीं।

"भाई मैं घर में फंसा हूं, ठेके तक पहुंचा दो", सोनू सूद से लगाई गुहार तो मिला ये जवाब

अधिकारी के मुताबिक निगमबोध घाट पर सोमवार तक 6 सीएनजी भट्टियों में से तीन काम कर रहे थे। सोमवार शाम को ही एक और खराब हो गया तो अब केवल दो सही हैं। हम और भार नहीं ले सकते थे इसलिए शवों को अस्‍पताल वापस भेज दिया गया। उन्‍होंने बताया कि मंगलवार को भी अतिरिक्‍त घंटे काम करने के बाद भी पूरे दिन में सिर्फ 15 शवों का अंतिम संस्‍कार हो सका।

गौरतलब है कि दाह संस्कार करने में सीएनजी/इलेक्ट्रिक से डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। अभी तक संक्रमण से बचने के लिए सीएनसी से ही शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसके चलते शवों के अंतिम संस्कार में समय लग रहा है। जिससे अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखने के लिए जगह नहीं बची है।

Comments
English summary
4 furnaces down, this Delhi crematorium sends bodies back to hospital.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X