Covid-19: बेंगलुरू के श्मशान घाट हुए फुल, अंतिम संस्कार के लिए शवों को करना पड़ रहा घंटो इंतजार
बेंगलुरू, अप्रैल 15। साल, 2019 में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला केस पाया गया था। कुछ महीनों के भीतर ही यह जानलेवा वायरस पूरी दुनिया में फैल गया और अब तक इससे लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहरा का सामना कर रहा है, पहली लहर के मुकाबले वर्तमान में महामारी भयानक रूप ले चुकी है। हालात ये हैं कि अब श्मशान घाट में भी शव के अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगाना पड़ रहा है।
कर्नाटक में कोरोना वायरस के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी दबाव है। बेंगलुरू में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की मौत में वृद्धि दर्ज की जा रही है। कोविड-19 के चलते अचानक हो रही मौतों की वजह से शहर के श्मशान घाटों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। कोरोना पीड़ितों के पार्थिव शरीर को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए अपनी बारी के इंतजार में कई घंटों तक कतार में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में शहर के 12 विद्युत शवदाहगृहों में से पांच - लक्ष्मीपुरा क्रॉस, सुमन्नहल्ली, केंगेरी, बोम्मनहल्ली और पनातुर में कोरोना मृतकों का दाह संस्कार किया जा रहा है। अंबेडकर दल संघर्ष समिति से जुड़े श्मशान कर्मचारियों के संघ के महासचिव राजू कल्पल्ली ने बताया, औसतन हर श्मशान में 20 से अधिक शव लाए जा रहे हैं, एक शव का अंतिम संस्कार करने में एक घंटे का समय लगता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ए सुरेश ने खुलासा किया कि प्रत्येक श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए दो मशीनें हैं। सुरेश के मुताबिक पनातुर के श्मशान घाट में एक मशीन का मरम्मत का काम जारी है। वहीं केंगेरी इकाई ने पिछले दो दिनों से अंतिम संस्कार का कार्य जारी है।
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