प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुली आलोचना करने वाले पूर्व भाजपा सांसद नाना पटोले कांग्रेस में शामिल
नई दिल्ली। पूर्व भाजपा सांसद नाना पटोले आज कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पटोले ने पार्टी की सदस्यता ली। गौरतलब है कि 4 जनवरी को पटोले ने कहा था कि वो औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा था कि बीते दिनों दलितों का आंदोलन होने की वजह से उन्हें कांग्रेस में शामिल होने में देर हुई। बता दें कि बीते साल 8 दिसंबर को पटोले ने भाजपा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 54 साल के नाना पटोले 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और बीजेपी से सांसद बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नागपुर की भंडारा गोंदिया सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया और पहली बार सांसद बने। उनके राजनीतिक करियर को देखें तो नाना पटोले करीब 30 साल से राजनीति में हैं। 1990 में पटोले सांगड़ी जिला परिषद इलाके के भंडारा जिला परिषद से सदस्य बने।
साल 2014 में बीजेपी से सांसद बने
सांसद बनने से पहले नानाट पटोले तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। अपने पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय के तौर पर वो मैदान में उतरे, हालांकि बीजेपी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1999 और 2004 में नाना पटोले कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की। पटोले कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। हालांकि वो पहली बार तब सुर्खियों में आए जब साल 2014 में बीजेपी से सांसद बने।
तेज तर्रार नेता के तौर पर रही पहचान
नाना पटोले की पहचान तेज तर्रार नेता के तौर पर रही है। हमेशा से वह किसानों के मुद्दे को उठाते रहे हैं। बीजेपी में आने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि यहां वो खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। उन्होंने पहले भी कई बार इस बात का जिक्र किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सवाल पूछना पसंद नहीं है। पटोले ने बताया कि पीएम मोदी उस समय उनसे गुस्सा हो गए जब उन्होंने ओबीसी मंत्रालय और किसानों की आत्महत्या के बारे में सवाल करने की कोशिश की।
काफी समय से नाराज चल रहे
पटोले के अनुसार उन्होंने यह सवाल भाजपा सांसदों की मीटिंग में उठाने की कोशिश की थी। नाना पटोले केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की किसानों को लेकर भूमिका पर काफी समय से नाराज चल रहे थे। नाना पटोले ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के किसानों की समस्या को लेकर उन्होंने कई बार सवाल पूछने की कोशिश की, हालांकि जब भी उनसे सवाल किया जाता है, तो प्रधानमंत्री मोदी पूछने लगते हैं कि क्या आपने पार्टी का घोषणा पत्र पढ़ा है और क्या सरकारी स्कीमों की जानकारी है आपको?'
सदन से इस्तीफा दे दिया
नाना पटोले ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मिलकर सदन से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को जो पत्र भेजा उसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की 14 वजहें गिनाईं हैं। लोकसभा और बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद पटोले ने कहा भाजपा में लोकतंत्र बिल्कुल नहीं है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सवाल सुनना पसंद नहीं।
देश की जनता और किसानों के साथ धोखा
पटोले ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले जनता से वादा किया था कि सरकार बनने पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करेंगे, लेकिन केंद्र सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकते। ये देश की जनता और किसानों के साथ धोखा है।