बिहार में बीजेपी के मुखर बागी, कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव
नई दिल्ली। जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस सपा और बसपा के साथ आगामी राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव में गठबंधन बनाने में विफल रही है, उसके बाद पार्टी बिहार में अपने पैर मजबूत करने की कोशिश में जुट गई है। कांग्रेस ने बिहार में अधिक सीटों पर दावेदारी के लिए अब छोटे दल और स्थानीय नेताओं की ओर रुख किया है। इस कड़ी में पार्टी ने रविवार को सांसद पप्पू यादव से मुलाकात की। बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिसंह गोहिल ने पप्पू यादव से मुलाकात की, हालांकि उन्होंने इस मुलाकात को गैर राजनीतिक बताया है।
पप्पू यादव पर नजर
शक्ति सिंह ने कहा कि यह मुलाकात गैर राजनीतिक है और इसका कोई खास मतलब लोगों को निकालने की जरूरत नहीं है। लेकिन इससे इतर पप्पू यादव का कहना है कि वह तमाम विकल्पों पर चर्चा कर रहे हैं। यूं तो पप्पू यादव को आरजेडी का कट्टर विरोधी माना जाता है ऐसे में अगर पप्पू यादव कांग्रेस के साथ जाते हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि इस नए समीकरण पर आरजेडी क्या रुख अपनाती है। कांग्रेस ना सिर्फ पप्पू यादव बल्कि अन्य नेताओं के साथ भी संपर्क में है।
भाजपा के बागी नेताओं पर नजर
कांग्रेस ने उन तमाम नेताओं का रुख करना शुरू कर दिया है जो पहले कांग्रेस के सहयोगी थे, साथ ही भाजपा के बागी नेताओं पर भी कांग्रेस की पैनी नजर है। कांग्रेस ने भाजपा से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद से भी संपर्क में है और माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें भी आगामी चुनाव में दरभंगा से मैदान में उतार सकती है। कीर्ति आजाद 2014 में इसी सीट से भाजपा सांसद बने थे। वहीं शत्रुघ्न सिन्हा को भी कांग्रेस पाटलीपुत्र से टिकट दे सकती है।
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कई छोटे दलों से संपर्क में
वहीं जब इस मसले पर कीर्ति आजाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इसपर फैसला लेंगे, उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस ने हाल ही में मदन मोहन झा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है जिसके बाद पार्टी ने यह साफ संदेश दिया है कि वह अपने पुराने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। पार्टी का दावा है कि वह और कई दलों और नेताओं के संपर्क में है।
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