गुजरात चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी से नाराज कांग्रेस पहुंची सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयुक्त ने दी सफाई
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती ने चुनाव तारीखों के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि गुजरात में बाढ़ पीडि़तों के लिए राहत कार्य चल रहा है
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी से नाराज कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी का आरोप है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी करा रही है, जिससे कि उसे कुछ वोट बटोरने वाली घोषणाएं करने का मौका मिल जाए।
कांग्रेस के लीगल डिपार्टमेंट के प्रमुख विवेक तनखा ने बताया, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में 14 बिंदु दिए गए हैं। हमें उम्मीद थी कि चुनाव आयोग से जवाब मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम कोर्ट के समक्ष गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित नहीं किए जाने के मुद्दे को उठाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कोर्ट में यह तर्क भी दिया है कि हिमाचल प्रदेश में तारीखों का ऐलान गुजरात से पहले क्यों किया गया है?
चुनाव आयोग ने तारीखों पर दी ये सफाई
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती ने चुनाव तारीखों के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि गुजरात में बाढ़ पीडि़तों के लिए राहत कार्य चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। ऐसे में वहां आयोग के पास पर्याप्त मैनपावर नहीं है। कर्मचारी उपलब्ध कराना राज्य सरकार का काम है और इस समय उसके ज्यादातर कर्मचारी राहत कार्य में लगे हैं।
चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों और राज्य प्रशासन ने कुछ जिलों में बर्फबारी की संभावना के मद्देनजर चुनाव आयोग से नवंबर के मध्य में चुनाव कराने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मतदान का कार्यक्रम इस तरह से निर्धारित किया जाएगा, जिससे हिमाचल प्रदेश के चुनावों नतीजे आने से पहले ही गुजरात में वोटिंग समाप्त हो जाए। इससे हिमाचल प्रदेश चुनाव के नतीजों का असर गुजरात चुनाव पर नहीं पड़ेगा।
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