'सिंधिया कांग्रेस में संघ के एजेंट थे, ऐसे विभीषणों का जाना ठीक है'
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सचिन चौधरी ने पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से जाने पर खुशी जाहिर की है। चौधरी ने कहा है कि ये कांग्रेस के लिए अच्छा है क्योंकि वो पार्टी की कमजोर कड़ी थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अमरोहा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े सचिन ने कहा है कि सिंधिया कांग्रेस में संघ के एजेंट थे, ऐसे विभीषणों का जाना पार्टी हित में है।
अमरोहा में भाजपा को जिताना चाहते थे
सचिन चौधरी ने ज्योतिरादित्य के भाजपा ज्वाइन करने से कुछ देर पहले बुधवार दोपहर को ट्वीट कर कहा, सिंधिया जैसी कमज़ोर कड़ी का जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं वो मेरी जगह अमरोहा लोकसभा से राशिद अल्वी को चुनाव लड़ाना चाहते थे जिससे वहां भाजपा जीते, मेरे विरोध करने पर वह बोले जीतने दो! ये कांग्रेस में संघ के एजेंट थे, ऐसे विभीषणों का जाना पार्टी हित में है। जय कांग्रेस।
अमरोहा से कांग्रेस ने बदला था उम्मीदवार
सचिन चौधरी ने अपने ट्वीट से इस बहस को भी जन्म दे दिया है कि क्या वाकई सिंधिया अमरोहा में भाजपा को जिताना चाहते थे। दरअसल अमरोहा से 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले पूर्व सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राशिद अल्वी को उम्मीदवार बनाया था। बाद में उनकी जगह सचिन चौधरी को टिकट दिया गया था। सचिन ने अब कहा है कि सिंधिया अल्वी को ही लड़ाना चाहते थे, ताकि भाजपा को फायदा मिले। अमरोहा सीट से बसपा से दानिश अली ने जीत हासिल की थी। उनकी मुकाबला भाजपा के कंवर सिंह से रहा था। सचिन चौधरी चुनाव में जमानत भी नहीं बचा सके थे।
ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल हुए
मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस में कई अहम पदों पर रहे ज्योतिरादित्य ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद आज वो भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा सिंधिया को राज्यसभा में भेज सकती है। जेपी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने की जो तीन मुख्य वजहें हैं। उनमें पहली वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा जड़ता का माहौल और तीसरा नई सोच और नए नेतृत्व को मान्यता न दिया जाना है।
MP के घटनाक्रम के बीच सोनिया गांधी का बड़ा फैसला, दो राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति