कांग्रेस को बड़ा झटका, गुलाम नबी आजाद ने छोड़ी पार्टी, राहुल गांधी से जताई नाराजगी
नई दिल्ली, 26 अगस्त: कांग्रेस हाईकमान नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए राजी हो गया है। उम्मीद जताई जा रही कि अगले एक-दो महीने में ये प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे G-23 गुट की नाराजगी दूर होगी, लेकिन इससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार सुबह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। आजाद शुरू से ही कांग्रेस के नाराज गुट G-23 का हिस्सा थे।
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गुलाम नबी आजाद ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को 5 पेज का पत्र भेजकर दिया। पत्र में उन्होंने लिखा कि बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ है कि मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस ने अब इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। साथ ही पार्टी में अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किए जाने से वो परेशान थे। ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। इससे पहले आजाद ने प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
आजाद ने आगे लिखा कि जब 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए तब से कांग्रेस की हालत खराब हुई है। विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पार्टी के लिए सब कुछ देने वाले वरिष्ठ पदाधिकारियों का राहुल गांधी ने अपमान किया। उन्होंने लंबे वक्त तक सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहने पर भी सवाल उठाए।
वहीं जब 2013 में कांग्रेस की सरकार थी, तो राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में अध्यादेश का कागज फाड़ दिया था। आजाद ने अपने इस्तीफे में उसका भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस 'बचकाने' व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के अधिकार को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था।
क्या
है
G-23?
आपको
बता
दें
कि
कांग्रेस
के
नाराज
नेताओं
ने
G-23
नाम
से
एक
ग्रुप
बनाया
था,
जो
पार्टी
में
बड़े
पैमाने
पर
बदलाव
की
मांग
कर
रहे
थे।
इसमें
गुलाम
नबी
आजाद,
कपिल
सिब्बल,
आनंद
शर्मा
जैसे
दिग्गज
नेता
शामिल
थे।
हालांकि
अब
इसके
ज्यादातर
नेताओं
ने
पार्टी
छोड़
दी
है।