सांसद ई अहमद के निधन के बावजूद बजट पेश करने को लेकर संसद में सरकार घिरी
1 फरवरी, 2017 को बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले मुस्लिम लीग के सांसद ई अहमद के निधन के बाद संसद सदन स्थगित नहीं करने के फैसले ने तूल पकड़ लिया है।
नई दिल्ली। 1 फरवरी, 2017 को बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले मुस्लिम लीग के सांसद ई अहमद के निधन के बाद संसद सदन स्थगित नहीं करने के फैसले ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने इस बात पर अपना विरोध दर्ज कराया। विपक्षी दलों ने सरकार पर वरिष्ठ नेता के अपमान का आरोप लगाया है। साथ ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन के बर्ताव पर भी सवाल उठाए गए। इस मसले पर कांग्रेस ने संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।
विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 1 बजे तक स्थगित कर दी गई है। ई अहमद को 31 जनवरी दिन मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के अभिभाषण के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार रात उनका निधन हो गया।
सांसद और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने सांसद और वरिष्ठ नेता का अपमान किया है। कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने ई अहमद के निधन के मसले पर संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने दिवंगत सांसद के परिवारवालों के साथ अस्पताल में बुरे बर्ताव का भी मामला उठाया।
मल्लिकार्जुन खडगे ने केंद्र सरकार पर सांसद ई अहमद के निधन के बाद अपनाए गए रवैए को अमानवीय बताया हुए सरकार से इस बावत बयान जारी करते हुए जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ई अहमद के निधन के बावजूद अस्पताल ने कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। उन्होंने इस बात को छुपाया क्योंकि बजट प्रभावित न हो।