पंजाब विधानसभा चुनाव 2017: आमने-सामने की टक्कर के मूड में कांग्रेस, मुकाबले के लिए बदले कई उम्मीदवार
कांग्रेस की ओर से जारी की गई पांचवीं लिस्ट में पूर्व सीएम और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह को पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ मुकाबले में उतारा गया है।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति फाइनल कर ली है। सत्ता की जंग में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी-अकाली दल को हराने के लिए आखिरी दांव चल दिया है। जब प्रदेश में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी होने में आखिरी दो दिन बचे हुए हैं इस बीच पार्टी ने हाल ही घोषित चार उम्मीदवारों पर फैसला होल्ड पर रखा है। कांग्रेस की ओर से जारी की गई पांचवीं लिस्ट में पूर्व सीएम और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह को पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ मुकाबले में उतारा गया है।
सिद्धू को अमृतसर पूर्व से दिया गया टिकट
कैप्टन अमरिंदर सिंह लांबी सीट से चुनाव लड़ेंगे, यहीं से प्रकाश सिंह बादल भी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के युवा नेता और लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मुकाबले में उतारा गया है। जलालाबाद से चुनाव मैदान में सुखबीर सिंह बादल को टक्कर देने के लिए कांग्रेस पार्टी रवनीत सिंह बिट्टू को उतारा है। सुखबीर सिंह बादल यहां से दो बार जीत हासिल कर चुके हैं। पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी से कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस पार्टी खास रणनीति अमृतसर पूर्व से चुनाव मैदान पर उतारा है। पार्टी ने पहले यहां सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को टिकट दिया था।
दूसरी ओर जालंधर कैंट सीट पर सिद्धू और अमरिंदर के बीच टकराव के बीच सिद्धू से बातचीत के बाद राहुल गांधी के निर्देश पर पूर्व ओलंपियन परगट सिंह को पार्टी ने यहां से उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच कोल्ड वॉर देखने को मिल रही है। अमरिंदर के करीबी जगबीर बरार का नाम कैंट सीट से था लेकिन उन्हें नकोदर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी में टिकट को लेकर आपसी कलह भी देखने को मिल रही है। इसका पता रवनीत बिट्टू को टिकट देने को लेकर देखने को मिला।
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
मनीष
तिवारी
को
टिकट
नहीं
दिया
गया
है।
उम्मीद
थी
कि
उन्हें
लुधियाना
पूर्व
सीट
से
टिकट
मिल
सकता
था।
पांच
बार
से
विधायक
चुने
जा
रहे
लाल
सिंह
ने
अमरिंदर
के
एक
परिवार
एक
टिकट
के
नारे
का
विरोध
किया।
उनके
बेटे
रजिंदर
सिंह
को
समाना
सीट
दी
गई
है।
अकाली
दल
से
कांग्रेस
में
आए
हैरी
मान
समाना
से
टिकट
चाहते
थे
लेकिन
उन्हें
सनौर
सीट
दी
गई
गई
है।
फिलहाल
कांग्रेस
पार्टी
ने
अभी
कुछ
सीटों
को
होल्ड
पर
रखा
है।
इनमें
अमृतसर
दक्षिण
और
मानसा
सीट
पर
उम्मीदवार
घोषित
नहीं
किया
गया
है।
इन
दोनों
ही
जगह
पर
झगड़ा
तेज
है।
फिलहाल
अकाली
दल-भाजपा
को
टक्कर
देने
के
लिए
कांग्रेस
पार्टी
खास
रणनीति
बना
रही
है।
पार्टी
फूंक-फूंककर
अपना
कदम
उठा
रही
है।
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