महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस नंबर वन, मायावती की बीएसपी सबसे पीछे
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए दिए गए टिकटों में 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं। नवीन पटनायक की अगुवाई वाली पार्टी बीजू जनता दल ने 38 प्रतिशत टिकटों पर महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। ऐसे में आइए देखते हैं कि पिछले 6 लोकसभा चुनाव महिलाओं के चुनाव लड़ने का प्रतिशत क्या रहा है और किसी पार्टी (BJP, Congress, CPI, CPM and BSP) कब कितने प्रतिशत महिला उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं।
क्या कहते हैं पिछले 6 लोकसभा चुनाव के आंकड़ें
टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक एनालिटिकल रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 1996 से 2014 के बीच हुए लोकसभा चुनावों में ऐसी कोई पार्टी नहीं जिन्होंने मैदान में 10 प्रतिशत से अधिक महिला उम्मीदवार उतारे हो। ये आंकड़े सभी चुनाव को मिलाकर हैं। अगर व्यक्तिगत रूप से किसी पार्टी की बात करे तो कुछ ऐसी पार्टी रही है जिन्होंने 10 प्रतिशत के आंकड़े को पार किया है लेकिन कोई भी लोकसभा में 33% आरक्षण के करीब नहीं है जो कि महिलाएं लंबे समय से मांग कर रही हैं।
6 लोकसभा चुनाव में 9,174 उम्मीदवार चुनाव मैदान
यह बात सही है कि कांग्रेस महिलाओं को टिकट दिए जाने के मामले में कांग्रेस ने कोशिश जरूर की कई बार कांग्रेस पार्टी इसमें आगे भी रही है। लेकिन बीएसपी प्रमुख मायावती इस मामले में कम से कम पर रही हैं। वैसे पूरे आंकड़े पर नजर डाले तो पांच राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से 6 लोकसभा चुनाव में कुल 9,174 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे इसमें महिला उम्मीदवारों की संख्या केवल 726 रही मतलब कुल सीट का मात्र 8 प्रतिशत।
महिलाओं को 50% टिकट मिलना चाहिए
वहीं राज्य की दलों के रूप में पिछले 6 लोकसभा चुनाव में कुल 252 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। वहीं छोटी पार्टियों की ओर से इन चुनावों में कुल 649 महिलाओं को टिकट दिया और 1109 महिला उम्मीदवार ऐसी रही जो स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरी थी। बीएसपी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाली रितू सिंह ने यह समस्या सभी पार्टियों में है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से इसके प्रवक्ता के रूप में बोलते हुए मुझे लगता है कि महिलाओं को 50% टिकट मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएसपी की मायावती ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कुछ चर्चाएं हुई लेकिन पार्टी में महिलाओं को वो महत्ता नहीं मिली है। जिसको लेकर वो हैरान थी।
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